बीकानेर, (समाचार सेवा)। रोड एक्सीडेंट की लाइव एन्ट्री दर्ज करने में बीकानेर 11वें नंबर पर, जिले के सभी 26 थानों में चालू वर्ष में 15 फरवरी के बाद घटित हुई सड़क दुर्घटनाओं की एन्ट्री इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा बेस (आईआरएडी एप्लीकेशन) में की जा रही है। अब तक 112 लाईव एन्ट्री की गई है।
इन लाइव एन्ट्रीज के कारण बीकानेर जिला राज्य के 11 वें स्थान पर रहा है। जिला स्तर पर सबसे ज्यादा एन्ट्री पुलिस थाना नोखा व दूसरे स्थान पर पुलिस थाना श्रीडूंगरगढ़ ने की है। जिला पुलिस अधीक्षक प्रीति चन्द्रा के अनुसार जिले में आईआरएडी एप पर एन्ट्री शतप्रतिशत पूर्ण है।
एसपी चन्द्रा के अनुसार यह एप सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की दिशा में कारगर साबित होगा। उन्होंने बताया कि प्रविष्टि के पूर्ण होने पर एक्सीडेन्ट की सूचना परिवहन विभाग, एनएच, मेडिकल आदि विभागों के लॉगिन में दिखाई देने लगती है।
एप में अधिक से अधिक प्रविष्टियां होने से दुर्घटनाओं की मॉनिटरिंग बेहतर तरीके से होगी और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी और अधिकतम जानमाल की सुरक्षा की जा सकेगी। जानकारी के अनुसार जिले में 15 फरवरी 2021 के बाद घटित हुई सड़क दुर्घटनाओं की एन्ट्री आईआरएडी एप में समस्त 26 थानों द्वारा शुरू की जा चुकी है।
समस्त थानों के पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर अब तक 112 एन्ट्री लाईव की गई है। एप में दुर्घटना स्थल पर घटना से प्रभवित व्यक्ति का नाम, उम्र, पता, वाहन नम्बर, लाईसेंस संख्या, स्थान, दुर्घटना का संभावित कारण, फोटो,वीडियो आदि अपलोड किए जा रहे हैं।
राज्य के शासन सचिव एवं परिवहन आयुक्त विभाग द्वारा दुर्घटनाओं में कमी लाए जाने हेतु सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आईआई टी मद्रास के सहयोग से इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा बेस (आईआरएडी एप्लीकेशन) तैयार की गई हैं।
जिले में रोड दुर्घटनाओं का डाटा बेस की क्रियान्विति के लिए जिला पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा की अध्यक्षता में हाल ही में बैठक हुई। इसमें जिले के समस्त थानाधिकारी को इस संदर्भ में घटना स्थल (मौका) पर पहुंच कर शत प्रतिशत इन्द्राज समय पर किए जाने हेतु पाबंद किया।
जिला पुलिस अधीक्षक ने एएसपी सिटी शैलेन्द्र सिंह इन्दौलिया के नेतृत्व में एनआईसी के जिला सूचना विज्ञान अधिकारी संकल्प शर्मा व रॉल आउट मैनेजर महेशकुमार शर्मा मय रामनिवास बिश्नोई कानि.विशेष अनुभाग-यातायात द्वारा जिले के समस्त थानाधिकारियों एवं अनुसंधान अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।