आचार्य ज्योति मित्र
जमाना गया गांधीवाद, समाजवाद, मार्क्सवाद, लेनिनवाद, लोहियावाद, अधिनायकवाद, साम्यवाद या पूंजीवाद का अब आप कहेंगे ये राष्ट्रवाद का जमाना है तो भैया आप जरूरत से ज्यादा आशावाद में जी रहे हैं, आपके इन सब वादों पर भारी पड़ रहा है पॉलिटिक्स में पप्पूवाद।
इस इक्कीसवीं सदी में यदि किसी वाद का बोलबाला है तो वो है पप्पूवाद। इतिहास...
एक दिन मुर्ख बनाने के लिए अप्रैल फूल और...
प्यार देने से बेटा बिगडे़!
भेद देने से नारी!
लोभ देने से नौकर बिगड़े!
धोका देने से यारी!
नोटबन्दी से जनता बिगड़े!
GST से व्यापारी!
भाजपा को वोट देने से देश बिगड़े!!
ये बात जनहित में जारी!!
कोई घोटालेबाज जेल गया नहीं !
किसी के पास काला धन मिला नहीं !...
हम दो हमारे दो का चक्कर
गाँधीजी अपने पिता की
चौथी पत्नी के बेटे थे....
बाबा साहब अम्बेडकर अपने पिता के
14 वे संतान थे....
रविन्द्रनाथ टैगोर भी
चौदहवीं सन्तान थे....
सुभाषचन्द्र बोस 14 संतानों में से
9 नंबर पर थे....
विवेकानंद 10 संतानों में से
छठे नंबर पर थे.....
श्री कृष्णा भगवान आठवी संतान थे.
कमबख़्त....
हम दो हमारे दो के चक्कर में
महापुरुष पैदा ही होना बंद हो गए..
-समाचार सेवा डॉट...