डॉ. विजय आचार्य
बीकानेर, (समाचार सेवा)। क्या गुल खिलायेगी यशपाल गहलोत की चुप्पी ?, राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के कारण सभी को उम्मीद है कि इस बार नगर निगम बीकानेर में कांग्रेस का बोर्ड बनेगा मगर कांग्रेस पार्टी के नेताओं की आपसी फूट के कारण इस उम्मीद को पलीता लगने की भी आशंकायें बराबर बनी हुई हैं। निगम चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष यशपाल गहलोत की चुप्पी खतरनाक बनी हुई है। भले ही गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताने की बात को लेकर अपना वीडियो जारी कर दिया हो मगर पार्टी से जुड़े हजारों लोग जानते हैं कि यशपाल की कथनी और करनी का अंतर प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचाने वाला है।
गत वर्ष विधानसभा चुनाव में कभी खुशी कभी गम का दौर देख चुके शहर कांग्रेस अध्यक्ष के लिये नगर निगम चुनाव भी ऐसे ही दौर को दोहराने वाला साबित हुआ है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यशपाल गहलोत के मन मुताबिक टिकट बंटवारा नहीं होने से खुद गहलोत अंदर ही अंदर खफा हैं। यही कारण है कि शहर में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में वातावरण नहीं बन पा रहा है। लोगों का मानना है कि यशपाल गहलोत की चुप्पी कहीं ना कहीं तो पार्टी उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचायेगी ही।
उधर, राज्य सरकार में वरिष्ठ केबिनेट मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला भी निगम चुनाव के टिकट बांट कर जयपुर चले गए। इससे भी कांग्रेस के प्रत्याशियों को अपनी जीत की रणनीति बनाने में परेशानी हो रही है। हालांकि डॉ. कल्ला जल्द इस परेशानी को दूर कर देंगे इसका भी विश्वास सब को है। साथ ही कांग्रेस भी अंदरखाने में पूर्व मंत्री देवीसिंह भीटी के सामाजिक न्याय मंच (सनम) के प्रत्याशियों की ओर ताक रही है। पार्टी के कर्ताधर्ताओं को लगाता है
यदि महापौर के लिये 10-12 सीटों की आवश्यकता होगी तो सनम साथ दे देगी। इसके अलावा कांग्रेस के नेता नगर निगम में अपना बोर्ड बनाने के लिये निर्दलीय प्रत्याशियों को अपने समर्थन में पर्चा निकालकर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के पक्ष में बैठने की मान मनोव्वल कर रही है। इस स्थिति में महापौर कांग्रेस का बन सकता है अत: मान मनोव्वल जारी है और कहीं निर्दलीय तो कहीं सनम पर कांग्रेस की नजर जारी है।
भाजपा बागियों से परेशान
भाजपा के रणनीतिकार केन्द्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल तथा शहर भाजपा अध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य उन प्रत्याशियों से अंदरुनी तौर पर संपर्क कर रहे हैं जो भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय के रूप में ताल ठोककर भाजपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिससे भाजपा का महापौर बनने में रुकावट आ सकती है। यही कारण है कि भाजपा नेता येन केन प्रकारेण बागियों को साधने का मंत्र ढूंढ रहे हैं। कईयों को पुचकार कर तो कईयों को समझाकर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के साथ आने की गुजारिश कर रहे हैं।
80 वार्ड 334 उम्मीदवार
नगर निगम के चुनाव 16 नवंबर को होने हैं। शुक्रवार को नाम वाापस लेने के बाद अब 80 वार्डों में 334 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। अधिक प्रत्याशी होने के कारण उन वार्डोँ की स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही है जिनमें भाजपा कांग्रेस की सीधी टक्कर देखी जा सके। भाजपा प्रत्याशियों को कहीं सनम के उम्मीदवार टक्कर दे रहे हैं तो कहीं निर्दलीय समीकरण बिगाड़ रहे हैं।
डॉ. विजय आचार्य
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