विश्व धरोहर संरक्षण सप्ताह – महाराजा गंगासिंह विवि में हुई मुद्राशास्त्र और संग्रहालय संरक्षण पर राष्ट्रीय कार्यशाला
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। प्राचीन धरोहर को संरक्षित नहीं किया तो आगे भी भुगतनी पड़ेंगी कोरोना जैसी विपदाएं – प्रो. विनोद कुमार सिंह, महाराजा गंगा सिंह विश्व विद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि आज समय आ चुका है कि अब हम अपनी प्रकृति और प्राचीन धरोहर को संरक्षित रखने हेतु तत्पर हों, नहीं तो विश्व को भविष्य में भी कोरोना जैसी विपदाएं और भुगतनी पडेंगी।
कुलपति प्रो. सिंह मंगलवार को विवि के सेंटर फॉर म्यूज़ीयम एंड डॉक्युमेंटेशन के बैनर तले विश्व धरोहर संरक्षण सप्ताह के अंतर्गत एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए अपनी बात रख रहे थे।
उन्होंने कहा कि धरोहर संरक्षण के लिये प्रत्येक आयुवर्ग के लोगों को इसकी आवश्यकता समझते हुए साथ आना होगा। इतिहास विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में मुद्राशास्त्र व संग्रहालय संरक्षण पर चर्चा की गई।
सेंटर फॉर म्यूज़ीयम एंड डॉक्युमेंटेशन की डाइरेक्टर तथा राष्ट्रीय कार्यशाला की आयोजन सचिव डॉ. मेघना शर्मा ने कहा कि देश के संग्रहालय भारत की संस्कृति और प्राचीन धरोहर के प्रतिबिंब हैं।
कार्यशाला में बीज वक्ता जयपुर के पुरातत्व व संग्रहालय विभाग के पूर्व उत्खनन अधीक्षक डॉ. ज़फर उल्लाह ख़ान ने भारत की प्राचीन मुद्राओं को पहचानने, उनकी लिपि को पढ़ने व संग्रहालयों में उनके प्रदर्शन की तकनीक को लेकर मुख्य रूप से अपना उद्बोधन दिया।
इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार छंगाणी ने स्वागत भाषण दिया। कार्यशाला के तकनीकी सत्रों में विद्यार्थी मनोज मीणा, पवन सारस्वत, खुशबू तेजी, व गौतम आचार्य ने विषय विशेषज्ञ से प्रश्न पूछे।
संचालन डॉ. रितेश व्यास ने किया। कार्यशाला में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों सहित बी. जे. एस. रामपुरिया कॉलेज, बिन्नाणी कॉलेज, सिस्टर निवेदिता कॉलेज, जैन महिला महाविद्यालय के विद्यार्थी शामिल रहे।
कुलसचिव अरुण कुमार शर्मा ने आभार जताया।