पंचनामा : उषा जोशी
खादी पर भारी पड़ी खाकी, वो सत्ताधारी दल का युवा नेता है। उसने खाकीधारियों को बताया भी कि वो इस बार एमएलए का दावेदार भी है। इस सबके बावजूद खाकीधारी नहीं माने, उसे फोन कर कहा, उसके खिलाफ मामला है, थाने में आ जा, वो नहीं आया। खाकीधारियों ने उसकी खोज की।
लगभग साढ़े तीन सौ किलोमीटर दूर बैठे इस नेता को खाकीधारियों ने पकड़ लिया। जांगळ देश ले आये। यहां उसके साथियों ने थाने पहुंचकर विरोध भी किया।
पार नहीं पड़ी। कोर्ट में भी उसका पक्ष कमजो रहा। हां, वो अपने क्षेत्र का बड़ा लीडर भी बना हुआ है। अपने दल के बड़े नेताओं के जांगळ देश आने पर बड़े बड़े होर्डिंग भी लगवाता है।
सब बड़े नेता उसे जानते हैं। मगर लोगों को धमकाकर ऋण वसूली के उसके काम ने उसको खाकीधारियों के चंगुल में फसा ही दिया।
थाने में उसके खिलाफ ऐसे कई लगभग डेढ़ दर्जन मामले हैं। उसका इतिहास भी थाने में दर्ज है।
कई खाकीधारी उसके खिलाफ जांच ही नहीं करते तो कई उसे पकड़ने के प्रति भी काफी उदासीन रहे। अब उसे पकड़ लिया गया है। जय हो।
* स्टाइल ने कराई फजीती
वे सड़क पर अपनी लग्जरी चौपहिया गाड़ी में सत्ता व अंगूर के नशे की खुमारी में थे। सड़क पर ड्यूटी कर रहे खाकीधारी ने उनको नशा करने से रोका तो आपे से बाहर हो गए।
मगर खाकीधारियों ने भी अपने को सत्ताधारियों के करीब समझने वाले इन लोगों को भी आखिरकार सबक सिखा दिया। गाड़ी जप्त की।
तीन दिन गाड़ी थाने में रखी। आखिरकार कोर्ट से गाड़ी छुड़वानी पड़ी। अब खाकीधारियों के खिलाफ अदालती माध्यम से शिकायत दर्ज करवाकर ये स्टाइल वाले फिर सुर्खियों में है। आलाखाकीधारियों ने मामले की जांच शुरू की है।
स्टाइलधारी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले खाकीधारी अपने काम से आश्वस्त है। हां राजनीति भी चालू है।
* सक्रिय हुई खाकी
आगामी चुनाव को लेकर खाकीधारी इन दिनों प्रशिक्षण मोड मे हैं। इस सबके बावजूद मौका मिलने पर सत्ता व विपक्षी राजनीति करने वाले लोगों को भी जो किसी ना किसी गलत धंधे में है पकड़ने छोड़ने के काम में व्यस्त हैं।
एक विपक्षी नेतागिरि करने वाले को खाकीधारी आधी रात को उठा कर ले गए। पूछने आये लोग जब काबू में नहीं आये तो आरएसी बुला ली मगर पकड़ने का कारण नहीं बताया। लगता है इन दिनों खाकी को पूरी छूट मिली हुई है।