बीकानेर में बैंक बंद होने से प्रभावित हुआ 400 करोड़ का कारोबार

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बीकानेर, (समाचार सेवा)दो दिन की बैंक हडताल के कारण बुधवार को बीकानेर में बैंक बंद होने से लगभग 400 करोड रुपये के कारोबार प्रभावित होने तथा लगभग 5000 चैक व वित्तिय इन्स्ट्युमेन्ट का लेने-देन नहीं हो पाने का दावा किया गया है।

युनाईटेड फोरम ऑफ बैंक युनियन्स के अन्तर्गत 9 बैंक अधिकारी व कर्मचारी संगठनों के आव्हान पर 30 व 31 मई के देशव्यापी हड़ताल के निर्णय अनुसार बुधवार को बीकानेर की एस.बी.आई बैंक के प्रशासनिक कार्यालय पब्लिक पार्क के समक्ष लगभग डेढ़ घंटे तक प्रदर्शन व नारेबाजी की।

प्रदर्शन में एस.बी.आई., बैंक ऑफ बडौदा, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र, इलाहाबाद बैंक, इण्डियन बैंक, सेन्ट्रल बैंक, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इण्डिया, देना बैंक, सिण्डीकैंट बैंक, विजया बैंक, पंजाब नेशनल बैंक आदि 20 बैंकों के कर्मचारियों, अधिकारियों ने भाग लिया।

यू.एफ.बी.यू. के संयोजक वाई.के. शर्मा योगी ने देश में बैंकों की गिरती हुई साख व खरबों रूपये के डूबत ऋण व उनको औद्योगिक घरानों के पक्ष में माफ किये जाने व बैंकों को घाटे के हालात में लाने के लिए केन्द्र सरकार की नीतियों को उत्तरदायी ठहराया।

उन्‍होंने कहा कि गत 5 वर्षो में देश में अनाज,घी, तेल, पेट्रोल, डीजल, कपड़ा, लेखन सामग्री पाठ्य पुस्तके, भवन निर्माण सामग्री, सभी में 30 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई हैं। महगाई की इस बढ़ती मार के ऐवज में आई.बी.ए. ने 5 वर्ष बाद वेतन व भत्तों में 2 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव देकर बैंक कर्मियों के घावों में नमक छिड़कने का कार्य किया है।

अधिकारी संगठन के जितेन्द्र माथुर एन.सी.बी.ई. के मुकेश शर्मा व ए.आई.बी.ए. के एस.के. आचार्य व सीताराम कच्छावा ने केन्द्र सरकार को चेतावनी भरे शब्दों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के निर्णय को दोहराया।   प्रदर्शन के दौरान युवा बैंक कर्मी नारेबाजी कर बेमियादी हड़ताल की मांग कर रहें थे।

मुख्य नारों में ’’अबकी बार आर या पार’’ ’’एमएलए व एम.पी. के वेतन बढ़ते हैं तो हमारे क्यों नहीं बढ़ते हैं’’। यह नारा यह भी था ’’हमारी वृद्धि प्रतिशत दो, तो नेताओं की क्यों हो सो’’ हर वक्ता ने तर्को के आधार पर सरकार की वित्तिय नितियों का बखिया उधेड़ा। संयोजक कामरेड वाई.के. शर्मा योगी ने बताया कि हमारा ध्येय समानजनक वेतन समझौता प्राप्त करना हैं।

आमजनता व ग्राहक को परेशान करना नहीं इसीलिए यू.एफ.बी.यू. शनिवार व रविवार के अवकाश के अगले या पिछले दिनों में हड़ताल नहीं करती। हम सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों का विरोध प्रकट करते है। प्रदर्शन का नेतृत्व साथी आनन्द शुक्ला, जे.पी. वर्मा, आशीष, जयशंकर, पवन सिंघल आदि ने किया।