
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर द्वारा विद्यार्थियों की जिज्ञासा एवं समस्याओं के निराकरण हेतु मुख्य धारा से जुडे़ विश्वविद्यालय कार्मिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित की कल्पना है कि यदि किसी भी संस्थान में नीति को शिखर तक पहुंचाना है तो उसके लिए वहां पर कार्यरत कार्मिकों को उसकी जानकारी होना अति-आवश्यक है जिससे वे विश्वविद्यालय में आने वाले विद्यार्थियों की समस्याओं का सुगमता से निराकरण कर सकें।


विश्वविद्यालय कुलसचिव एवं वित्त नियंत्रक अरविन्द बिश्नोई ने कहा कि अभी तक हम वार्षिक आधार पर पुराने नियमों से कार्य व्यवस्था संचालित कर रहे थे। आगामी समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को समाहित करते हुए अपने ऑडिनेंस तैयार करेंगे जिससे हमारे शिक्षक एवं कार्मिक उन ऑडिनेंस के आधार पर पाठ्यक्रम एवं परीक्षा आयोजन जैसी महत्वपूर्ण कार्य सम्पन्न कर सकें।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का है आगामी समय
उन्होंने कहा कि आगामी समय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम प्रशिक्षण कार्यशाला को हम तीन चरणों में करना चाहते हैं जिसके तहत प्रथम चरण में अपने शिक्षकों एवं अधिकारियों के लिए द्वितीय चरण में महाविद्यालयों में स्थापित प्राचार्य एवं संकाय सदस्यों के लिए एवं तृतीय चरण के अन्तर्गत हम विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में अध्ययरत विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से होने वाले उनके शैक्षणिक उन्नयन के संबंध में उनको जानकारी प्रदान करेंगे।
सेमेस्टर ड्यू स्कीम की जानकारी दी
उन्होंने कहा कि कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उल्लेखित प्रावधानानुसार पाठ्यक्रम तैयार करने की प्रक्रिया, अकादमिक बैंक ऑफ के्रडिट, डिजिलॉकर, च्वाइस बेस्ड क्रेडट सिस्टम, मल्टीपल एंटी और मल्टीपल एग्जिट, परीक्षा स्कीम, क्रेडिट और ग्रेडिंग पॉइंट सिस्टम, सेमेस्टर ड्यू स्कीम आदि बिन्दुओं की जानकारी दी गई।
विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली की जानकारी
कार्यशाला में राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर की प्रो. दिव्या जोशी ने समग्र एवं बहुविषयक शिक्षारू राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी 2020 का कार्यान्वयन विषय पर, प्रो. नरेन्द्र भोजक ने आईडीपी प्रशासन, संकाय और सहायक कर्मचारियों की भूमिका पर तथा डॉ. पंकज जैन ने विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली की जानकारी कार्मिकों को दी। प्रो. अनिल कुमार छंगाणी, प्रो. राजाराम चोयल, डॉ. धर्मेश हरवानी, डॉ. अभिषेक वशिष्ठ, परीक्षा नियंत्रक डॉ. बिट्ठल दास बिस्सा एवं उप कुलसचिव परीक्षा डॉ. गिरिराज हर्ष ने भी विवचार रखे।
डॉ. रवीन्द्र मंगल ने जताया आभार
कार्यशाला में अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. मेघना शर्मा, सह अधिष्ठाता डॉ. प्रभुदान चारण, संकाय सदस्य डॉ. अनिल कुमार दुलार, डॉ. गौतम कुमार मेघवंशी, डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. प्रगति सोबती, डॉ. संतोष कंवर शेखावत, डॉ. ज्योति लखाणी, डॉ. लीला कौर, डॉ. प्रकाश सारण, डॉ. सुरेन्द्र कुमार गोदारा, फौजा सिंह, अमरेश कुमार सिंह, मानकेशव सैनी, डॉ. यशवंत गहलोत, उमेश शर्मा, निर्मल भार्गव, मुकेश पुरोहित, राघव पुरोहित, रजत भटनागर सहित विश्वविद्यालय के कार्मिक उपस्थित रहे। डॉ. रवीन्द्र मंगल ने आभार जताया।