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गोचर भूमि पर सरकारी भू-उपयोग परिवर्तन किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं

गोचर ओरण बचाओ महाआंदोलन ने बताया धर्म विरोधी कृत्य

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)   गोचर ओरण बचाओ महाआंदोलन ने बीकानेर की गोचर भूमि के खसरों को अराजीराज करने की कार्रवाई को अवैध और शर्मनाक प्रक्रिया बताते हुए इसके विरोध में महाआंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।

उदयरामसर स्थित श्री मुरली मनोहर धोरा में सोमवार को गोचर ओरण बचाओ महाआंदोलन के बैनर तले हुई बैठक में वक्ताओं ने प्रशासन के इस कदम को गोवंश के भविष्य पर सीधा हमला और धर्म-विरोधी कृत्य बताया। बैठक में बीकानेर विकास प्राधिकरण (बीडीए) और स्थानीय प्रशासन की गोचर भूमि विरोधी नीतियों के खिलाफ तीखा विरोध दर्ज किया गया।

आंदोलनकारियों ने कहा कि शरह नथानियां, गंगाशहर, भीनासर, उदयरामसर व 188 गांवों की अमूल्य गोचर भूमि को आवासीय, व्यवसायिक एवं अन्य परियोजनाओं के लिए उपयोग में लेने की साजिश है। पिछले एक महीने से चल रहे इस आक्रोषपूर्ण आंदोलन का मूल कारण बीकानेर विकास प्राधिकरण द्वारा नए मास्टर प्लान में बेशर्मी से शरह नथानियां, गंगाशहर, भीनासर, उदयरामसर व 188 गांवों की अमूल्य गोचर भूमि को आवासीय, व्यवसायिक एवं अन्य परियोजनाओं के लिए उपयोग में लेने की साजिश है। ​

गोचर भूमि के खसरों को अराजीराज करना शर्मनाक 

बैठक में उपस्थित समस्त गो भक्तों ने प्रशासन द्वारा हाल ही में बीकानेर शहर की गोचर भूमि के खसरों को अराजीराज करने की अवैध और शर्मनाक प्रक्रिया पर कड़ा विरोध व्यक्त किया। यह स्पष्ट है कि प्रशासन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है, जिसके चलते जनता का गुस्सा चरम पर है। ​गो भक्तों ने दो टूक शब्दों में प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि गोचर भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण या भू-उपयोग परिवर्तन किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं होगा।

बैठक में सभी पदाधिकारियों ने एकजुटता दिखाते हुए आगामी दिनों में इस महाआंदोलन को और अधिक उग्र तथा रणनीतिक बनाने की रूपरेखा तैयार की है। आंदोलनकारियों ने प्रण लिया कि जब तक गोचर भूमि को पूर्ण सुरक्षा नहीं मिल जाती, तब तक उनका यह संघर्ष जारी रहेगा।

ये प्रतिनिधि रहे मौजूद

बैठक में नवदीप बीकानेरी, विश्व हिंदू परिषद के विजय कोचर, हिंदू जागरण मंच के कैलाश भार्गव, सूरजमल सिंह नीमराना, महेंद्र किराडू, निर्मल शर्मा, कैलाश सोलंकी, मनोज कुमार सेवग़, सूरज प्रकाश राव, मिलन गहलोत, बंसीलाल तंवर, कनक चोपड़ा, मूलचंद सामसुखा, धनपत मारू, रमेश गहलोत, यशवेंद्र चौधरी, नवरतन उपाध्यक्ष, योगेश गहलोत, श्याम धायल, धर्मेंद्र सारस्वत, मनोज सोलंकी, बजरंग सोलंकी, महेंद्र पडिहार, एनडी भाटी, भारत उपाध्याय, जगदीश राजपुरोहित, सत्यनारायण स्वामी, उमाशंकर सोलंकी, अमर सिंह पडिहार, चंद्रवीर सिंह नीमराना, मालाराम सारस्वत, महेश सांखी, भगवाना राम, भैराराम, इंद्र पडिहार, सुभाष साहू आदि सहित सैकड़ों गो-प्रेमी उपस्थित रहे।

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