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ऐसा नवाचार करे विद्यार्थी कि बीकानेर को मिले नई पहचान-कुलपति

Students should innovate in such a way that Bikaner gets a new identity - Vice Chancellor

NEERAJJOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा) ऐसा नवाचार करे विद्यार्थी कि बीकानेर को मिले नई पहचान-कुलपति, महाराजा गंगा सिंह विश्‍वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने विद्यार्थियों से आव्‍हान किया कि वे ऐसा कुछ नवाचार करे जिससे बीकानेर को नई पहचान मिले।

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प्रो. दीक्षित सोमवार को विवि परिसर में इतिहास विभाग और सेंटर फॉर म्यूजियम एंड डॉक्यूमेंटेशन के संयुक्त तत्वावधान में महाराजा गंगा सिंह जयंती सप्ताह के तहत विस्तार आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में अपना अध्‍यक्षीय उदबोधन दे रहे थे।  उन्‍होंने कहा कि जिस प्रकार बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह जी ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर बीकानेर को चिन्हित करवाया उसी तरह विद्यार्थियों को कुछ ऐसे नवाचार करने चाहिएं जिनसे बीकानेर को नई पहचान मिले।

आयोजन में प्रो. राजाराम चोयल, डॉ. अनिल दुलार, डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. गौतम मेघवंशी, डॉ. धर्मेश हरवानी, डॉ. ज्योति लखानी, फौजा सिंह, अतिरिक्त कुलसचिव डॉ. बिट्ठल बिस्सा, उपकुलसचिव डॉ. प्रकाश सहारण के अलावा विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।

दान में बंटवाया था छियासी सौ तोला सोना  

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बीज वक्ता राजस्थान राज्य अभिलेखागार के डायरेक्टर डॉ. नितिन गोयल ने गंगा सिंह जी के व्यक्तित्व और उपलब्धियों का एक विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि आधुनिक भारतीय इतिहास के महाराजा गंगा सिंह अनुकरणीय उदाहरण के रूप में हमेशा बीकानेर वासियों के लिए स्मरणीय रहेंगे। उन्‍होंने बताया कि महाराजा ने अकाल के बाद छियासी सौ तोला सोना रियाया को दान में बंटवाया था।

जेल के बंदियों द्वारा बनाए जाते थे कालीन

आयोजन सचिव सेंटर फॉर म्यूजियम एंड डॉक्यूमेंटेशन की डायरेक्टर डॉ. मेघना शर्मा ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि महाराजा गंगा सिंह जी के काल में जेल के बंदियों द्वारा कालीन बनाए जाते थे जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचा जाता था।  इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार छंगाणी ने स्वागत उद्बोधन दिया।  एसएफएस इतिहास के प्रभारी डॉ. प्रभुदान चारण ने आभार जताया।

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