पर्यावरण संरक्षण के लिये युवा आगे आयें : प्रो. वी. के. सिंह

Youth should come forward for environmental protection Prof. Vk Singh
Youth should come forward for environmental protection Prof. Vk Singh

बीकानेर, (samacharseva.in)। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रो. वी.के.सिंह ने पर्यावरण संरक्षण के लिये युवाओं को आगे आने का आव्हान किया है। कुलपति प्रो. सिंह बुधवार को राजकीय डूंगर महाविद्यालय के प्राणीशास्‍त्र  विभाग द्वारा जीवन विज्ञान विषयक राष्‍ट्रीय वेबिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

Youth should come forward for environmental protection: Prof. Vk Singh-1
Youth should come forward for environmental protection: Prof. Vk Singh-1

प्रो. सिंह ने  घटते हुए जन्तुओं एवं प्रकृति से अनावश्यक छेड़छाड़ न करने की अपील करते हुए इन पर गहरी चिन्ता भी व्यक्त की। उन्होनें कहा कि पर्यावरण संरक्षण में युवाओं को आगे आना होगा तभी इस प्रकार के वेबिनार की सार्थकता सिद्ध हो सकेगी। वेबिनार के विशिष्ट अतिथि टांटिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.एम. सक्‍सेना ने कहा कि वेबिनार में होने वाले व्याख्यानों को युवा वैज्ञानिकों को अपने जीवन में उतारना होगा तथा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नवीनतम शोध के बारे में गहन मंथन करना होगा।

डूंगर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जी.पी.सिंह ने कहस कि कोरोना के इस काल में इस प्रकार के वेबिनार के माध्यम से संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों को आॅनलाईन ही जीवन विज्ञान पर शोध के आधुनिक तौर तरीकों से रूबरू होने का सुनहरा अवसर मिलता है। एम.एस.कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शिशिर शर्मा तथा बागड़ी कॉलेज नोखा के प्राचार्य डॉ. रविन्द्र मंगल ने शोधार्थियों से इस प्रकार के अवसरों का अधिकाधिक लाभ लेने की अपील की।

डॉ. शालिनी मूलचन्दानी ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबिनार के मुख्य वक्ता जूलोजीकल सोसायटी ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष डॉ. बी.एन. पाण्डे ने जैव विविधता के बारे में जानकारी दी।  रणथम्‍भोर के बाघ विशेषज्ञ डॉ. धर्मेन्द्र काण्डल ने बाघों एवं अन्य वन्य जीवों की निरंतर घटती संख्या पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक की डॉ. विनीता शुक्ला ने विषैले तत्वों के दुष्प्रभावों की चर्चा की।

विभाग प्रभारी डॉ. मीरा श्रीवास्तव ने भी विचार रखे। वेबिनार में संयोजक डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, डॉ. अरूणा चक्रवर्ती, डॉ. प्रताप सिंह, डॉ. नरेन्द्र भोजक, डॉ. हेमेन्द्र भण्डारी, डॉ. सुरेश वर्मा, डॉ. कैलाश स्वामी, डॉ. योगेन्द्र सिंह, डॉ. सोनू शिवा, डॉ. लीना शरण ने भी विचार रखे। वेबिनार में 500 से भी अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।