खद बदा रही भाजपा में कभी आ सकता है बड़ा भूचाल

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विशेष संवाददाता 

बीकानेर, (समाचार सेवा)। पहले निगम चुनाव में टिकट वितरण महापौर व उपमहापौर तय करने  में  सांसद गुट की चलने के बाद संगठन चुनाव में उसी गुट के हावी होने पर भाजपा में अंदर ही अंदर विरोध की खदबदाहट  शुरू हो गई है। अब तक कोई बड़ा नेता तो खुलकर सामने नही आया है लेकिन जमीनी कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास जमकर निकाल रहे है।

हाल ही में हुए संगठन चुनाव में देहात व शहर भाजपा अध्यक्ष का पद मैं बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र को नजरअंदाज किए जाने पर भाजपा के कार्यकर्ता खुलकर सोशल मीडिया पर अपना विरोध दर्ज कराने लगे हैं। भाजपा से जुड़े सूत्र बताते है कि  भाजपा नेता अविनाश जोशी , जे पी व्यास, महावीर राकां व भुपेन्द शर्मा,वेद व्यास, मोहन सुराणा , दीपक पारीक  व पूर्व विधायक गोपाल जोशी व विश्वनाथ मेघवाल  के करीबी अपनी उपेक्षा से आहत है। बताया जाता है संघ से जुड़े जेठानन्द व्यास की निकट रिश्तेदार महापौर की रेस में थी लेकिन संघ लॉबी उस समय हाथ मलती रह गई जब सुशीला कंवर का नाम महापौर के लिए सामने आ गया ।

बताते है कि पूर्व में भाजपा का बोर्ड गिराने वालो को ही निगम चुनाव में टिकट देने व उन्हें आगे लाने से  मूल भाजपा का एक तबका काफी निराश है।  उपर से सब कुछ सामान्य लग रही भाजपा में कभी भी बगावत के मुखर स्वर तेज हो सकते है। बताते है कि सांसद गुट की ओर से जिलाध्यक्ष के लिए मोहन सुराणा का नाम आगे किया जा रहा था, लेकिन एन मोके पर सुराणा की राजनीतिक कारसेवा कर दी गई । अखिलेश प्रताप सिंह को शहर अध्यक्ष बनाए जाने पर अपने आकाओं के इशारे पर उन्हें बाहरी व उत्तरप्रदेश का मूल बताया जाकर सोशल मीडिया पर  विरोध किया जा रहा है। भाजपा का एक गुट देहात में  जाट नेताओ की अनदेखी की बात को भी सुलगा रहा है। 

गौरतलब है कि विधायक सुमित गोदारा का नाम पहले देहात अध्यक्ष के लिए सामने आया लेकिन एन मौके पर ताराचंद सारस्वत  के नाम आने पर  जाटो में असंतोष की चिंगारी का काम किया। भाजपा पर नजर रखने वाले राजनीतिक पंडितो का कहना है आसन्न पंचायत चुनाव से पहले भाजपा में अंदुरुनी कलह कभी भी बड़ा बिस्फोट कर सकती है । यहां उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी सासद मेघवाल  से अदावत के चलते लोकसभा चुनाव के वक्त ही पार्टी से इस्तीफ़ा दे चुके है । पंचायत चुनाव पर अपने पत्ते अब तक नही खोलने वाले भाटी की सांसद से नाराजगी पंचायत चुनाव में क्या गुल खिलाएगी यह  समय के गर्भ में है। 

सूत्र बताते है कि भाजपा आलाकमान ने डेमेज कंट्रोल के तहत विजय आचार्य को राष्ट्रीय कार्यकारणी में स्थान देकर असन्तुष्ट भाजपाइयों पर मरहम लगाने की कोशिश की है । प्रदेश भाजपा का यह प्रयास पंचायत चुनाव में कितना कारगर होगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा।