वैज्ञानिकों के लिए फायदेमंद साबित होगी ‘विंटर स्कूल’
बीकानेर, (समाचार सेवा) स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने कहा कि बीकानेर, देश के जीवंत शहरों में से एक है। यहां की मिट्टी, पानी और वातावरण ऐसा है कि जो एक बार यहां आता है, यहीं का होकर रह जाता है। कुलपति सिंह शुक्रवार को विवि के मानव संसाधन विकास निदेशालय सभागार में विंटर स्कूल के प्रतिभागियों से मुलाकात कर रहे थे।
उन्होंने कहा
कि देश के विभिन्न राज्यों से आए वैज्ञानिक बीकानेर में बिताई सुनहरी यादों को कभी
भुला नहीं पाएंगे। कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए उद्यानिकी
वैज्ञानिकों के लिए विंटर स्कूल बेहद फायदेमंद साबित होगी। वैज्ञानिकों को शुष्क एवं
अर्द्धशुष्क क्षेत्र की उद्यानिकी फसलों, इनकी उपयोगिता एवं मूल्य संवर्धित उत्पादों के बारे में ज्ञान
होगा।
प्रशिक्षणार्थी
अपने-अपने क्षेत्र के किसानों तक यह जानकारी पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि इक्कीस दिवसीय
शीतकालीन प्रशिक्षण के दौरान किसानों को विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन के अलावा फील्ड
विजिट और प्रायोगिक कार्य करने का अवसर मिलेगा। वैज्ञानिक इनका भरपूर लाभ उठाएं तथा
आपस में वैचारिक आदान-प्रदान भी करें। कुलपति से संवाद करते हुए प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण
के अनुभवों के बारे में बताया तथा अपने क्षेत्र की जलवायु एवं उद्यानिकी फसलों के बारे
में जानकारी दी।
कुलपति प्रो.
सिंह ने कहा कि युवा कृषि वैज्ञानिक सकारात्मक सोच के साथ ऐसा काम करें, जो किसानों के लिए फायदेमंद
साबित हो। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अनेक चुनौतियां हैं, लेकिन चुनौतियों को अवसर में
बदलना सीखें। नई तकनीकें इजाद करें तथा उन्हें किसानों तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि
मनुष्य की सोच सकारात्मक हो तथा कार्य करने का जुनून हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता।
उल्लेखनीय
है कि विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित शीतकालीन प्रशिक्षण
7 नवंबर को प्रारम्भ हुआ था। ‘शुष्क एवं अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में उद्यानिकी फसल उत्पादन
एवं मूल्य संवर्धन की उच्च तकनीक’ विषयक प्रशिक्षण में राजस्थान सहित गुजरात, तमिलनाडू, तेलंगाना, पंजाब, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के
25 उद्यानिकी वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं।
प्रशिक्षण
27 नवंबर तक चलेगा। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास निदेशक प्रो. आर. एस. यादव, कृषि अनुसंधान केन्द्र प्रभारी
डॉ. प्रकाश सिंह शेखावत, विंटर स्कूल पाठ्यक्रम प्रभारी डॉ. राजेन्द्र सिंह राठौड़ मौजूद
रहे।