जीवन में सकारात्मक बदलाव और प्रगति में गुरु की निर्णायक भूमिका— डॉ. बी. डी. कल्‍ला

जयपुर, (samacharseva.in) कलासाहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने संदेश में सभी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शास्त्रों में सा विद्या या विमुक्तये‘ का उल्लेख किया गया है। इसका आशय है कि विद्या वह है जो हमें मुक्त करती है।

विद्या से व्यक्ति में पापरोगशोकदुर्बलताअज्ञानदुर्गुण और कुसंस्कारों से मुक्त होकर जीवन के असली मकसद को पहचानने और कामयाबीं के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ने की समझ विकसित होती है। जीवन में यह चमत्कारिक परिवर्तन गुरु के आगमनसानिध्य और कृपा से ही सम्भव हो पाता है। उन्‍होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव और प्रगति के नए आयाम तय करने में गुरु की निर्णायक भूमिका होती है।

गुरु सही मायने में अपने शिष्यों के व्यक्तित्व को विद्या‘ के माध्यम से इस प्रकार आलोकित करते है कि वे सफलता के सोपान तय करते हुए सभी के सामने आदर्श प्रस्तुत करते हैं। डॉ. कल्ला ने  ने कहा कि हमारे देश में गुरुशिष्य परम्परा सदियों से व्यक्ति के नैतिकचारित्रिक और आध्यात्मिक विकास का आधार रही है। समर्थ गुरु और समर्पित शिष्यों के मेल की अनेक प्रेरणास्पद गाथाएं हमारे सामने मौजूद हैंजहां गुरु की कृपा से शिष्यों ने वैयक्तिक विकास की इबारत लिखी है,वहीं इससे देश और समाज को भी सदैव नई दिशा मिली है।

उन्‍होंने कहा कि पिता सदैव यह कामना करता है कि उसकी संतान जीवन में उससे भी अधिक सफल होइसी प्रकार गुरु भी शिष्यों की खुद से अधिक तरक्की की चाह रखता है। गुरु जीवन पथ को प्रकाशमान करहमेशा सही राह चुनकर,आगे बढ़ने की सीख देते है। डॉ. कल्‍ला सभी लोगों के जीवन में गुरु सत्ता की कृपा से नित नई सफलता और खुशहाली की कामना की है।