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गांव का पैसा गांव में आएगा तब समृद्ध होगा किसान – आचार्य देवव्रत, राज्यपाल, गुजरात

Farmers will prosper only when the money of the village comes to the village - Acharya Devvrat, Governor, Gujarat

Farmers will prosper only when the money of the village comes to the village – Acharya Devvrat, Governor, Gujarat

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा) गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि गांव का पैसा गांव में और शहर का पैसा गांव में आएगा तब किसान समृद्ध होगा और यह प्राकृतिक खेती के जरिए संभव है। राज्यपाल आचार्य श्री देवव्रत स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में प्राकृतिक खेती पर चल रही दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

उन्‍होंने कहा कि देश को फैमिली डॉक्टर की नहीं, प्राकृतिक किसान की जरूरत है। राज्‍यपाल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों में रासायनिक खेती ही पढ़ाई जा रही है। जो भारत की मूल विद्या है ही नहीं। विदेशी पद्धति को उधार लेकर पढ़ाया जा रहा है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राकृतिक खेती को राष्ट्रव्यापी अभियान बना दिया है। यह मिशन पूरे देश में चलने वाला है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति के नाम पर रासायनिक खेती का अंधाधुंध अभियान चलाया जा रहा है। जिसे रोकने की आवश्यकता है।

केंचुओं को मार कर किया महापाप

उन्होने कहा कि एम्स के डॉक्टर्स की एक टीम से तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सर्वे करवाया तो पता चला कि जहां यूरिया, डीएपी का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है वहां कैंसर के रोगी ज्यादा हैं। अन्य बीमारियां भी ज्यादा हो रही हैं। देश की धरती का ऑर्गेनिक कार्बन 2 से 2.5 प्रतिशत था जो रासायनिक खेती के चलते 0.4 रह गया है। हमने रासायनिक खेती के जरिए केंचुओं को मार कर महापाप किया है।

उन्‍होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के जरिए केवल दो साल में ताकत हासिल किया जा सकता है। आचार्य देवव्रत ने कहा कि जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को एक ही बताने का दुष्प्रचार भी किया जा रहा है जबकि दोनों में जमीन आसमान का फर्क है। विशिष्ठ अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री देवी सिंह भाटी ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक अच्छा कार्य करें ताकि किसानों को फायदा हो।

गुजरात प्राकृतिक खेती विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सी.के.टिम्बड़िया ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय देश का पहला प्राकृतिक खेती विश्वविद्यालय है। कुलपति डॉ अरुण कुमार ने देश में प्राकृतिक खेती की आवश्यकता को लेकर स्वागत उद्बोधन दिया।  कार्यक्रम संयोजक और कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पी.के.यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डॉ मंजू राठौड़ और डॉ सुशील ने किया

एसकेआरएयू व प्राकृतिक खेती विज्ञान विश्वविद्यालय के मध्य हुआ एमओयू

कार्यक्रम में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर व गुजरात के प्राकृतिक खेती विज्ञान विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू हुआ। जिसके तहत अब प्राकृतिक खेती को लेकर दोनों विश्वविद्यालयों में शोध से लेकर अन्य गतिविधियों का आदान-प्रदान हो सकेगा।

कार्यक्रम में अतिथियों ने पोस्टर प्रस्तुति में उत्कृष्ट प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र का वितरण किया। आयोजन सचिव डॉ वी.एस.आचार्य ने संगोष्ठी प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

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