बीकानेर, (samacharseva.in)। ग्रामसेवक ने अपने को बचाने के लिये चढाई मेट की बली !, लूणकरणसर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत अर्जुनसर स्टेशन में मनरेगा काम में हुए भ्रष्टाचार को जांच अधिकारी कनिष्क कटारिया (आईएएस) ने प्रमाणित माना है। कटारिया ने अपनी जांच में स्पष्ट किया है कि यदि इस मामले में शिकायत नहीं की जाती तो सरकार का लाखों रुपये का गलत भुगतान हो जाता।
वहीं जागरूक ग्रामीणों का कहना है कि लूणकरनसर पंचायत समिति प्रशासन ने इस गडबडी के लिए जिम्मेदार ग्राम विकास अधिकारी को बचाते हुए केवल दो मेटों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाकर मामले को रफादफा करने का ही प्रयास किया है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय किसान संघ की शिकायत पर जिला कलक्टर नमित मेहता ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी कनिष्क कटारिया को अर्जुनसर में नरेगा में हुए घपले की जांच करने को कहा है।
कटारिया ने दो बार नरेगा साइट का मौका मुआयना कर मामले की गहनता से जांच की तो सामने आया कि शिकायतकर्ता की शिकायत वाजिब थी। किसी भी नियम की पालना नहीं की गई थी। जांच अधिकारी के अनुसार यदि शिकायत नहीँ की जाती तो श्रमिकों को फर्जी तरीके से भुगतान हो जाता।
जागरूक ग्रामीणों का कहना है कि श्रमिक नियोजन एवम भुगतान की प्रक्रिया ग्राम विकास अधिकारी की ऑनलाइन आईडी से होता है। यह व्यवस्था ओटीपी जैसे सिस्टम से सुरक्षित होती है। ऐसे में सारी गडबडी की जवाबदेही ग्राम विकास अधिकारी की ही होती है मगर कार्यवाही केवल ऐसे दो मेटों पर गिरी है जिनका कोई राजकीय अस्तित्व नहीं है।
जांच अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर ही जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने लूणकरणसर पंचायत समिति के बीडीओ को एफआईआर करने के निर्देश दिए जिनके आधार पर बीडीओ ने ग्राम विकास अधिकारी को साफ बचाते हुए मेटों के खिलाफ महाजन थाने में मामला दर्ज करवाया है।
महाजन थाना पुलिस ने इस मामले में अर्जुनसर गांव निवासी शंकरदास स्वामी पुत्र भंवरदास तथा महावीर भाट पुत्र बंशीलाल भाट के खिलाफ मामला दर्ज किया हुआ है। ग्राम पंचायत अर्जुनसर के ग्राम विकास अधिकारी बनवारीलाल के अनुसार आरोपी मेट शंकर तथा महावीर ने मस्टररोल में फर्जी हाजिरी भरवाकर काम का भुगतान उठाने की कोशिश की।