एक आंदोलन ऐसा भी, नो स्कूल, नो फीस, नो ऑनलाइन क्लास

no school no fees

बीकानेर (samacharseva.in)। एक आंदोलन ऐसा भी, नो स्‍कूल, नो फीस, नो ऑनलाइन क्‍लास, कोरोना काल में नई समस्‍याओं ने जन्‍म लिया है। इन समस्‍याओं के हल के लिये भी लोग अपने अपने तरीके से काम कर रहे हैं। प्राइवेट स्‍कूल में पढने वाले बच्‍चों के माता-पिता ने भी आज के समय में बंद स्‍कूलों के बावाजूद स्‍कूलों दवारा फीस मांगे जाने का विरोध किया है और एक नया आंदोलन चलाया है।

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स्‍कूल वाले भी फीस के लिये आंदोलित है ऐसे में दो अलग अलग विचार हैं। प्राइवेट स्‍कूलों में पढने वाले बच्‍चों के माता-पिता क्‍या सोचते हैं इस बारे में यही आंदोलन का मूल सार है। आंदोलनकारियों का कहना है कि Parents को इतनी तो हिम्मत करनी ही पड़ेगी।

आप भी देखिये एक बानगी

सेवा मे,

श्रीमान प्रबंधक महोदय

…………………स्कूल ….

विषय- ऑनलाइन क्लास एवं फ़ीस के संदर्भ में..

महोदय,

निवेदन है कि आप बार-बार मेरे मोबाइल पर फीस जमा करवाने के मैसेज कर रहे है और ऑनलाइन पढ़ाई स्टार्ट होने की बात कर रहे है तो कृपया मुझे जवाब देने की कृपा करें कि

 

1. हम अभिभावक आपको किस बात की फ़ीस जमा करवाये जब हमारा बच्चा स्कूल गया ही नही..

2.ऑनलाइन पढ़ाई आपने हमसे पूछ कर तो शुरू करवाई नही और न ही हमने आपको कहा था कि ऑनलाइन पढ़ाई बच्चो की शुरू करवाओ..

3.ऑनलाइन पढ़ाई करने से पहले आपने हमसे पूछा कि हमारे पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिये अलग से मोबाइल या लैपटॉप है कि नही..

4. पहले बच्चे अगर गलती से मोबाइल स्कूल में ले आते थे तो उनके मोबाइल आप लोग जब्त कर लेते और पेरेंट्स को बुलाकर स्कूल में मोबाइल से होने वाले नुकसान के बारे में सलाह देने लगते थे और आज आप उसी मोबाइल में ऑनलाइन पढ़ाई को सही ठहरा रहे है तो ये दोहरा मापदण्ड क्योंइसलिये ताकि आप एक आध घण्टे ऑनलाइन पढ़ाई का बहाना बनाकर अभिभावको से फीस वसूल सके।

5 कृपया बताएं अभिभावक कहा से फीस लेकर आयेजब अभिभावक खुद सरकार के कहने पर अपने काम धंधेनोकरिया छोड़कर घर बैठ गए तो वहाँ कहा से आपको फीस देंगे हमारे पास कोई जादुई चिराग तो है नही जो रगड़ कर उससे पैसे आ जाएंगे और आपको दे देंगे और दूसरी बात क्यों देंगे जब बच्चा स्कूल गया ही नही।

6.आप कहते है कि आपको टीचरों को तन्खवाह देनी है तो कृपया आप बताये की अभिभावक क्या आपके बिजनेस पार्टनर है जो अगर आपको घाटा हो रहा है तो वो आपको दे। जब स्कुल में हर साल आपको प्रॉफिट हो रहा था तो क्या आपने कभी अभिभावको को कोई रियायत दी उल्टा हर साल फीस बढ़ाकर अभिभावको को शोषण करतें रहे।

7अभिभावको ने भी अपने यहाँ कार्य करने वाले कर्मचारियों को वेतन अपनी जेब से दिया है । बड़ी बड़ी कम्पनियो के मालिकों ने फेक्ट्री के मालिकों ने अपनी जेब से दिया है तो टीचरों को वेतन भी आपको जेब से ही देना होगा क्योंकि टीचरों ने ही आपको हर साल कमा कर दिया है।

8.कृपया फालतू की बातों से या बच्चों के नाम काटने को धमकी देकर अगर आप ये सोच रहे है कि आप फीस हमसे जबरदस्ती वसूल लेंगे तो आप गलतफहमी में है।

9.हम सिर्फ हक की बात कर रहे है कि जब तक स्कूल बंद रहेंगे तब तक कि फीस हम आपको नही दे सकते आप चाहे ऑनलाइन पढ़ाई कराओ या मत कराओ क्योंकि हमारे बच्चो को तो कुछ समझ मे नहो आ रहा है।

10.इस ऑनलाइन पढ़ाई के चक्कर मे बच्चे मोबाइल पर गेम खेल रहे है।यू ट्यूब पर फालतू के वीडियोज देख रहे है। मोबाइल नही देने पर खाना पीना छोड़ रहे है। उनकी आखो की रोशनी और मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और यही बात आप पेरेंट्स और बच्चो को समझाते थे और अगर बच्चो की आंखों पर या मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ा तो क्या आप उस बात की जिम्मेदारी लेते है?…

मैं आपसे पुनः विनती करता / करती हूं कि कृपया बार बार फीस जमा करवाने के लिये मेसेज न करे और न ही हम पर दबाव बनाये। जब तक स्कूल बंद रहेंगे तब तक हम आपको फीस नही दे सकते।

धन्यवाद

अगर अभिभावक  (Parents) इन  बातों से सहमत है तो ज्यादा से ज्यादा  शेयर करे और अपने बालक के प्राइवेट स्कूल के संस्था प्रधान को प्रिन्ट निकलवाकर देवे। और उनको वॉट्सएप भी करें।