घर छोडकर आये छात्र को किशोर गृह में मिला आसरा

hisar boy

बीकानेर (समाचार सेवा) चाइल्ड लाइन 1098 बीकानेर ने हिसार से अपना घर छोडकर आये 13 वर्ष के छात्र वासु कारगवाल उर्फ बोबी को स्‍थानीय किशोर गृह में अस्थाई आश्रय दिलाया है।

बातचीत के दौरान बच्‍चे ने चाइल्‍ड लाइन वालों को बताया कि वह पांचवी का छात्र है। स्‍कूल का होमवर्क नहीं करने पर उसे उसके पापा ने मारा था। इस कारण 27 अप्रैल को तडके हिसार से रेल में दिल्‍ली पहुंच गया।

बाद में दिल्‍ली से एक ट्रेन में बैठा तो 28 अप्रैल को बीकानेर पहुंच गया। यहां लालगढ रेलवे स्‍टेशन पर खाली ट्रेन के डिब्‍बे में बैठ गया। बाद मे ंजब पानी पीने निकला तो रेलवे पुलिस ने पकड लिया और पूछताछ की।

चाइल्ड लाइन 1098 जिला समन्वयक चेनाराम बिश्नोई ने बताया कि बच्‍चे ने पहले रेल्वे सुरक्षा बल को अपनी गलत पहचान बताई तथा माता पिता का जिन्‍दा ना होना बताया था। बच्‍चे ने अपना फर्जी नाम विजय कुमार तथा पिता का नाम विपिन कुमार बताया था।

 उसने अपने को झुग्गी बस्ती पटेल नगर नई दिल्ली का रहने वाला भी बताया था। चाइल्ड लाइन बीकानेर समन्वयक चेनाराम बिश्‍नोई व टीम सदस्य रेखा सिद्व ने बच्चें कि काउंसलिग की तब असली कहानी सामने आई।

उसके पास मिले मोबाइल नंबर पर बात की गई तो बच्‍चे के पिता सुरेश कुमार कारगवाल से ही बात हुई।  पता चला कि बच्चा घर से प्लानिंग के साथ निकला था। उसने एक बैग में तीन जोडी कपडे, एक जोडी चम्पल, शीशा, कंघा, तेल मोबाइल, बैटरी बैक पावर चार्जर रूपये आदि सामान साथ लाया था।

 बच्चें को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष वाई.के शर्मा के समक्ष प्रस्तुत कर किशोर गृह में अस्थाई आश्रय दिलाया गया। चाइल्ड लाइन बीकानेर के द्वारा बच्चे के पिता से बता कर बीकानेर बुलाया गया है।