पटाखों से आग का भय बना रहता है, बढ़ता है प्रदूषण
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमार जी स्वामी ने कहा है कि हमें दीपावली पर पटाखों से पूर्ण परहेज करना है। पटाखे चलाना अर्थ-स्वास्थ्य और समय की बरबादी होती है। मुनि कमल गंगाशहर में श्री जैन तृदिवसीय तप जप के विशेष दीपावली उत्सव में अपना प्रवचन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पटाखों से आग का भय बना रहता है प्रदूषण बढ़ता है जिससे स्वास्थ्य पर गलत असर होता है। मुनिश्री के सान्निध्य में आयोजित दीपावली उत्सव में मुनिश्री ने फरमाया कि भगवान महावीर ने साधुओं और श्रावकों के जो महाव्रत और अणुव्रत नियम बताये हैं उनमें पहला नियम अहिंसा है साधु के लिए अहिंसा महाव्रत और श्रावक के लिए अहिंसा अणुव्रत है।

मुनिश्री की पावन प्रेरणा से तीन दिन का अखंड जाप रखा गया है तथा भाई बहनों ने एकाशन उपवास के तेलों का भी क्रम बनाया है। गंगाशहर में प्रथम बार युवक परिषद् के तत्वाधान में दीपावली के अवसर पर बहीखातों का पूजन जैन संस्कार विधि से तेरापंथ भवन में एक साथ किया। वहीं, रविवार को ही शासनश्री मुनिश्री मणिलालजी स्वामी की स्मृति सभा का भी आयोजन किया गया।
मुनिश्री कमलकुमारजी स्वामी ने कहा कि शासनश्री मुनिश्री मणिलालजी स्वामी वर्तमान में तेरापंथ समाज में दीक्षा पर्याय में सबसे बड़े थे। मुनि श्रेयांस कुमार जी ने मुनिश्री मणिलालजी की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए नव निर्मित दोहों का संगान किया। मुनि विमल बिहारी जी ने भी संस्मरण सुनाये। सुश्राविका उपासिका ज्ञानशाला की प्रशिक्षिका कनकदेवी गोलछा ने 28 दिन की तपस्या का प्रत्याख्यान किया।


