बीकानेर की ऐसी बडी समस्‍या, नेता नहीं चाहते इसका हो हल

Bikaner has such a big problem, leaders don't want a solution

बीकानेर, (samacharseva.in)।  बीकानेर की ऐसी बडी समस्‍या, नेता नहीं चाहते इसका हो हल, बीकानेर शहर में रेलवे फाटक एक बडी समस्‍या है। इसके हल के लिये बडे बडे प्‍लान बने, बडी बडी बातें हुई मगर नतीजा ढाक के तीन पात का रहा।

शहर के मुख्‍य दरवाजे कोटगेट तथा सांखला रेल फाटक की समस्‍या के समाधान के लिये एलिवेटेड रोड, रेल बाइपास निर्माण के सपने दिखाये मगर हल कुछ नहीं निकला।

यह समस्‍या तब सबसे अधिक परेशान करती है जब आप खुद इससे दो चार हो रहे होते हैं। रेल निकलने के पांच मिनट के समय के दौरान दोना और जाम लग जाता है। इस जाम से निबटने में आपको कम से कम 10 मिनट और जूझना होता है। यह तब और अधिक परेशान करती है जब आप किसी बीमार को अस्‍पताल ले जाने के लिये घर से रवाना होते हो और आप रेल के आने के समय के कारण जाम में फंस जाते हो। कहने को तो इस समस्‍या के समाधान के लिये शहर में दूरस्‍थ इलाकों में ओवर ब्रिज बना दिये गए हैं मगर बीच शहर के लोग अब भी इस समस्‍या से परेशान हैं।

हर सत्‍ता में अपनी अपनी पहुंच रखने वाले इस समस्‍या को अपने अपने तरीके से हल करवाना चाहते हैं मगर विपक्ष वाले इसमें अडंगा डालकर समस्‍या को बरकरार रख लेते हैं। कोविड काल में सवारी गाडियों की संख्‍या कम होने से या लगभग बंद होने से इस समस्‍या से थोडी निजात मिली थी। इस दौरान कभी कभार चली माल गाडिया अवरोध देती रहीं । अब भी रेल फाटक की बीकानेर की समस्‍या ज्‍यों की त्‍यो हैं। बाइपास या एलिवेटेड का दांव खेलने वाले एक बात पर सहमति बनते ही विरोध का झंडा उठा लेते हैं और समस्‍या वहीं पर बनी रह जाती है।