नौकरियों की तरफ दौड़ना बंद करें युवा – जेठानंद व्‍यास

एमजीएसयू डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर का उत्तिष्ठ भारत विचार मंथन कार्यक्रम 

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)  बीकानेर पश्चिम के विधायक, भाजपा नेता जेठानंद व्यास ने युवाओं से आव्हान किया कि नौकरियों की तरफ दौडना बंद करें। व्‍यास बुधवार को महाराजा गंगासिंह विश्‍वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर में डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर विभाग द्वारा उत्तिष्ठ भारत विचार मंथन शृंखला के तहत वाराणसी की सेवाज्ञ संस्थानम् व एमजीएसयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित साधु महात्माओं के साथ युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

विधायक व्‍यास ने कहा कि युवाओं को नौकर नहीं मालिक बनने की सोच विकसित करनी होगी।  देश और समाज की सेवा के अन्य भी रास्ते हैं। उन्‍होंने उत्तिष्ठ भारत कार्यक्रम व्यक्ति के  अपने जीवन से ही आरंभ होकर आगे चलता है। भारत की जड़ माँ है। कार्यक्रम में सेवाज्ञ संस्थानम् वाराणसी के संरक्षक मिथिलेशनंदिनीशरण जी महाराज ने कहा कि चाही गई परिस्थिति तक ले जाने वाला द्वंद व चिंतन ही जीवन में सर्वथा महत्वपूर्ण होता है।

महानता होती है श्रेष्ठता की आदर्श स्थिति 

उन्‍होंने कहा कि महानता प्रायः हमारे लिये स्वप्न हो जाती है जबकि श्रेष्ठता की आदर्श स्थिति महानता होती है। लालेश्वर महादेव मठ शिवबाडी के अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानंद गिरी महाराज ने कहा कि युवा जोश से भरा होता है ज़रूरत होती है अपने वेग को सही दिशा देने की, वही युवा निराश हताश है जिसने जीवन के लक्ष्य को नहीं समझा।

समारोह की अध्‍यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.मनोज दीक्षित ने मंच से साधु संगति और युवा विमर्श को वर्तमान समय की मांग भी और ज़रूरत बताया।  अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. मेघना शर्मा ने तुलसीदास, कबीर व सहजोबाई के दोहों के माध्यम से साधु संगति के उच्चस्तरीय परिणामों का ज़िक्र करते हुये युवा शक्ति की राष्ट्रनिर्माण में भूमिका पर प्रकाश डाला साथ ही औपचारिक स्वागत भाषण मंच से पढ़ा।

माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष हुआ पुष्पार्चन

आयोजक डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. मेघना ने बताया कि समारोह माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पुष्पार्चन व वंदना के साथ आरंभ हुआ। कुलसचिव अरुण प्रकाश शर्मा व वित्त नियंत्रक अरविंद बिश्नोई ने भी विचार रखे। सह अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. प्रभुदान चारण ने आभार जताया। संचालन डॉ. संतोष कंवर शेखावत ने किया।

कार्यक्रम में प्रो.अनिल कुमार छंगाणी, प्रो. राजाराम चोयल, विश्वविधालय के समस्त अधिकारीगण, शिक्षक समुदाय व संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यगण व विद्यार्थी शामिल रहे।