साहित्य मनोरंजन व स्वान्त सुखाय का साधन नहीं : वेद व्यास

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बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में राष्ट्रतभाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से पुरस्कृत साहित्यकार एवं उपस्थित विद्वजन।

साहित्यकार माधव नागदा, हरीश करमचंदाणी मंगत बादल, सुमित शर्मा सम्मानित

बीकानेर 14 सितम्बर। साहित्य मनोरंजन व स्वान्त सुखाय का साधन नहीं : वेद व्यास। भाईचारा फाउण्डेशन जयपुर के वेद व्यास ने कहा कि साहित्य मनोरंजन व स्वान्त सुखाय का साधन नहीं है, बल्कि साहित्य का उद्देश्य होना चाहिए।

श्री व्यास शुक्रवार को श्रीडूंगरगढ़ के संस्कृति सभागार में राष्‍ट्रभाषाहिन्दी प्रचार समिति श्रीडूंगरगढ़ की ओर आयोजित साहित्यकार सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपनी बात रख रहे थे।

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बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में राष्ट्रतभाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से पुरस्कृत साहित्यकार एवं उपस्थित विद्वजन।

उन्होंने कहा कि  जब तक लेखक के विचार व शब्दों में दृढ़ता नहीं होगी तब तक वह कोई रास्ता नहीं बना पाएगा। व्यास के अनुसार लेखक वैचारिक आधार के बिना कालजयी रचना का निर्माण नहीं कर सकता।

इस अवसर पर साम्प्रदायिक समरसता और हिन्दी विषय पर संगोष्ठी भी हुई। मुख्य अतिथि प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक श्यामसिंह राजपुरोहित ने कहा कि साहित्यकार समाज को  दर्पण दिखाता है।

विशिष्ट अतिथि जयपुर के डॉ. चन्द्रभान भारद्वाज ने कहा कि भाषा में सामुदायिकता नहीं होती है। आदमी को संस्कारित करने में भाषा ने महान योगदान दिया है।

समाज में समरसता स्थापित करने में तुलसीदास, सुरदास, रसखान आदि ने महान कार्य किए है।

समारोह में संस्था के अध्यक्ष श्याम महर्षि, साहित्यश्री से पुरस्कृत डॉ. माधव नागदा, हिन्दी सृजन से पुरस्कृत हरीश करमचन्दानी, डॉ. मंगत बादल, डॉ. अनुश्री राठौड़, जाकिर आदीब, समाजसेवी शिवप्रसाद सिखवाल, युवा साहित्यकार रवि पुरोहित व लायन महावीर माली ने भी सम्बोधित किया।

संस्था के मंत्री बजरंग शर्मा ने आभार जताया। कार्यक्रम में  डॉ. चेतन स्वामी, एडवोकेट शोभाचन्द आसोपा, कोषाध्यक्ष रामचन्द्र राठी,  डॉ. महावीर पंवार, सत्यदीप, डॉ. मदन सैनी, तुरजमल बोधीजा,  भंवरलाल भोजक, श्रीभगवान सैनी, रेवन्त मल नैण, दयाशंकर शर्मा सहित कई विद्वजन उपस्थित थे।

समारोह में सम्मानित साहित्यकार

समारोह में संस्था की सर्वोच्च उपाधि साहित्यश्री एवं डॉ. नन्दलाल महर्षि हिन्दी, पं.मुखराम सिखवाल स्मृति राजस्थानी साहित्य सृजन व बृजरानी भार्गव युवा साहित्य पुरस्कार से अलंकृत किया गया।

लालमादड़ी के कथाकार व समालोचक माधव नागदा को सामाजिक सराकारों के लिए मगाराम माली की स्मृति में दी जाने वाली संस्था की सर्वोगा उपाधि साहित्यश्री से अलंकृत किया गया।

डॉ. नन्दलाल महर्षि स्मृति हिन्दी सृजन पुरस्कार जयपुर के हरीश करमचंदाणी, पं. मुखराम सिखवाल स्मृति राजस्थानी साहित्य सृजन पुरस्कार रायसिंहनगर के मंगत बादल व बृजरानी भार्गव स्मृति युवा साहित्य पुरस्कार बीकानेर के सुमित शर्मा को दिया गया।  इस सम्मान स्वरूप 11-11 हजार रुपए व युवा पुरस्कार 5100 रूपए, प्रशस्ति पत्र, शॉल एवं प्रतीक चिह्न दिया गया।

कहानी प्रतियोगिता सम्मान

समारोह में संस्था की ओर से बख्तावर सिंह राजपुरोहित राजस्थानी कहानी प्रतियोगिता में प्रथम रही डॉ. अनुश्री राठौड़, द्वितीय सन्तोष चौधरी, तृतीय राजेन्द्र शर्मा मुसाफिर को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा वाजिद हसन काजी, मनोज कुमार स्वामी, किशोर कुमार निर्वाण, विमला नागला व सुनील कुमार गगााणी को सान्तवना पुरस्कार दिया गया।

हिन्दी की उदारता, नवनीयता ने ही उसे विश्वभाषा बनाया : डॉ.मूलचंदानी

 

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बीकानेर में राष्ट्री य उष्ट्रा अनुसंधान केन्द्र में हिन्दी दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करती डॉ. शालिनी मूलचंदानी।

बीकानेर 14 सितम्बर। हिन्दी दिवस पर शुक्रवार को विभिन्न संस्थाओं में कार्यक्रम व उत्सव आयोजित किए गए।

राष्‍ट्रीय उष्ट अनुसंधान केन्द्र में आयोजित हिन्दी सप्ताह के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि हिन्दी की व्याख्याता डॉ.शालिनी मूलचंदानी ने कहा कि हिन्दी के विकास को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

विश्व व्यापी व्यवस्था में हिन्दी का स्वत: ही विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि हिन्दी की इसी उदारता, नवनीयता ने उसे विश्वभाषा बनाया है।

डॉ. मूलचंदानी ने हिन्दी भाषा की वैश्विक स्थिति, साहित्य-कला क्षेत्र में इसके योगदान पर बात रखते हुए वर्तमान में इसके प्रचार-प्रसार में सोशल मीडिया के योगदान को भी सराहा,परंतु भाषा के स्वरूप को सही रखने हेतु प्रेरित किया।

केन्द्र निदेशक डॉ.एन.वी. पाटिल ने कहा कि हिन्दी का विकास सर्वत्र देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिन्दी भावों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। समारोह में डॉ. बसंती ज्योत्सना ने भी विचार रखे।

राष्‍ट्र का गौरव राज भाषा हिन्दी

हिन्दी दिवस पर गुरुवार को सिस्टर निवेदिता कन्या महाविद्यालयए मोहता सराय बीकानेर में राष्अ भाषा हिन्दी का वर्तमान स्वरूप विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

मुख्य वक्ता डॉ. श्यामा पुरोहित ने हिन्दी के नियमित शुद्ध उच्चारण एवं लेखन पर बल दिया।

हिन्दी भाषा के गौरव विश्व परिदृश्य में हिन्दी का स्थान एवं देवनागरी लिपि के महत्व एवं वैज्ञानिकता पर विचार व्यक्त किये।

राजभाषा के रूप में हिन्दी में अधिकाधिक कार्य किए जाने पर बल दिया। महाविद्यालय व्याख्याता रूबी स्वामी, शचि व्यास, अरूण व्यास ने भी इस विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।

छात्रा नंदनी रंगा, अन्नपूर्णा रंगा, ममता भादाणी एवं खुशबू सांखला ने पत्र   वाचन किया।

प्रवक्ताओं ने अधिक से अधिक हिन्दी भाषा के उपयोग एवं शुद्ध प्रयोग की शपथ ली। संचालन श्वेता गहलोत ने किया।

साहित्यकार जगदीश प्रसाद शर्मा ‘उज्ज्वल’ की पांच राजस्थानी पुस्तकों का लोकार्पण

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बीकानेर में कवि और बाल साहित्यकार जगदीश प्रसाद शर्मा ‘उज्ज्वल’ की पांच राजस्थानी पुस्तकों का लोकार्पण कार्यक्रम

बीकानेर 14 सितम्बर। कवि और बाल साहित्यकार जगदीश प्रसाद शर्मा ‘उज्ज्वल’ की पांच राजस्थानी पुस्तकों का लोकार्पण साहित्यकार भवानीशंकर व्यास ‘विनोद’, बुलाकी शर्मा, डॉ. मदन सैनी, पवन पहाड़िया ने किया।

मुक्ति संस्था द्वारा स्टेशन रोड़ स्थित नागरी भंडार के नरेंद्रसिंह आॅडिटोरियम में ‘जीवतां आखर’, ‘बाल मन रो उमाव’, ‘काग उड़ावणी’, ‘लालमदे-फूलमदे’ और ‘सुनेरो सेव’ पांच राजस्थानी पुस्तकें हिंदी दिवस पर लोकार्पित की गई।

डेह नागौर से पधारे विशेष मेहमान वरिष्ठ बाल साहित्यकार पवन पहाड़िया ने कहा कि राजस्थानी में लेखन चुनौतिपूर्ण है जिस पर बाल साहित्य लेखन तो सर्वाधिक चुनौतिपूर्ण है क्यों कि इसमें बाल मन की गहरी थाह पाकर लेखक को लिखना होता है।

पहाड़िया ने जगदीश प्रसाद शर्मा को सफल बाल साहित्य लेखक बताते हुए कहा कि उनका साहित्य मनोरंजन के साथ ज्ञानवर्द्धक भी है। वरिष्ठ कवि-संपादक भवानीशंकर व्यास ‘विनोद’ ने कहा कि बाल साहित्य लेखन सरल नहीं है।

जगदीश शर्मा उम्र के इस मुकाम पर भी निरंतर लिख रहे हैं पढ़ रहे हैं और सबसे बड़ी बात प्रकाशित हो रहे है।

यह बीकानेर के लिए गर्व का विषय है कि एक लेखक की राजस्थानी में एक साथ पांच किताबें वे भी विविध विधाओं में सामने आई है, हमें इसका स्वागत करना चाहिए।

व्यास से पुस्तकों में वर्णित विषयों को समाजिक सरोकारों से भरपूर और जीवन से गहरे जुड़े हुए बताया। उन्होंने कहा कि उज्ज्वल जीवन और जूझ के कवि हैं।

मुख्य अतिथि वरिष्ठ व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि बाल मन को समझ कर उनके अनुकूल सृजन करने के साथ जगदीश प्रसाद शर्मा प्रौढ़ों के लिए भी लिख रहे हैं और उनके समन्वय को देखकर प्रसन्नता होती है कि दोनों में गहरी अंतर्दृष्टि और सूझबूझ का भाव है तो कविताओं में जीवन से जुड़े विविधवर्णी विषयों का निर्वाह हुआ है।

विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कहानीकार डॉ. मदन सैनी ने कहा कि राजस्थानी भाषा अपनी संवैधानिक मान्यता के संघर्ष के साथ ही वर्तनी और मानकीकरण की दिशा में भी पर्याप्त विकसित हुई है।

लेखकों को बोली और भाषा के अंतर को समझते हुए साहित्य सृजन करना चाहिए। जगदीश प्रसाद शर्मा की भाषा संवाद बाल मन को छूते हैं।

पांचों पुस्तकों पर पत्रवाचन करते हुए साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने पांचों पुस्तकों को अपने पत्रवाचन में कथ्यों के विश्लेषण के साथ आलोचनात्मक टिप्प्णी में कहा कि उज्ज्वल जी के बाल साहित्य में पठनीयता का गुण सर्वाधिक प्रभावशाली है।

बाल रचनाओं में वर्तमान जीवन के अनेक प्रसंग है वहीं लौकिक कथाओं के कारण उनमें उत्सुकता का पर्याप्त भाव है। लोकार्पण समारोह के आरंभ में कवि-कहानीकार राजेन्द्र जोशी ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसा बहुत कम हुआ है कि राजस्थानी में किसी एक रचनाकार की एक साथ पांच पुस्तकें लोकार्पित हुई हो।

यह हर्ष का विषय है कि गुरुजी उज्ज्वल अब तक सक्रिय लेखन से जुड़े हैं। कवि-आलोचक डॉ. नीरज दइया ने साहित्यकार जगदीश प्रसाद उज्ज्वल का परिचय देते हुए कहा कि आजीवन शिक्षा, साहित्य और संस्कार से जुड़े साहित्यकार उज्ज्वल का जीवन प्रेरणास्पद रहा है।

ऐसे आदर्श गुरु और साहित्यकार ही हमारे सामाजिक सरोकारों को बढ़ाते हुए संस्कार पीढ़ी   दर पीढ़ी प्रदान करते हैं।

कार्यक्रम में मुक्ति संस्था द्वारा साहित्यकार जगदीश प्रसाद शर्मा उज्ज्वल ने अपनी कविताओं का वाचन किया, संस्था द्वारा जगदीश प्रसाद शर्मा को अभिनंदन पत्र, शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिह्न तथा माल्यार्पण आदि द्वारा सम्मानित किया गया।

मंच का भी शॉल स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ कवि-कहानीकार सारदार अली पड़िहार, नेमसिंह गहलोत, चंद्रशेखर जोशी, मधुरिमा सिंह, प्रेमनारायण व्यास, मुरली मनोहर माथुर, नृसिंह भाटी  नीशु,

प्रो अजय जोशी, ब्रह्माराम चौधरी, कमल रंगा, हरीश बी शर्मा एवं जगदीश प्रसाद शर्मा के पारिवारिक सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ’योतिप्रकाश रंगा ने किया तथा आभार रजनीश भारद्वाज ने ज्ञाप्ति किया।

 युवा कांग्रेसियों ने मौन रहकर मांगा जेटली का इस्तीफा

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बीकानेर में कोटगेट पर केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग पर मौन प्रदर्शन करते युवा कांग्रेसी।

बीकानेर 14 सितम्बर। विजय माल्या की फरारी मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली की संलिप्तता पर बीकानेर शहर युवा कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कोटगेट पर मुंह पर काली पट्टी बांध कर मौन प्रदर्शन किया।

युवक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल जादुसंगत के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन के बारे में मीडिया से बात करते हुए बीकानेर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आजम अली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द से जल्द अरुण जेटली का इस्तीफा ले और निष्पक्ष जांच की जाए।

पश्चिम विधानसभा अध्यक्ष अरुण व्यास ने की विजय माल्या ने स्पष्ट कर दिया की अरुण जेटली को ऑफर दिया था इसके बावजूद भाजपा चुप हैं अरुण जेटली का इस्तीफा अगर जल्दी से जल्दी नहीं लिया गया तो युवा कांग्रेस सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी।

इसका खामियाजा प्रशासन को भुगतना पड़ेगा।  प्रदेश सचिव जिया उर रहमान आरिफ ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार चुप्पी साधे बैठी है और दूसरी तरफ भगोड़े विजय माल्या के संबंध देश के वित्त मंत्री के साथ होना दुर्भाग्य की बात है।

इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता वल्लभ कोचर, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष आनंद सिंह सोढा, रमजÞान कच्छावा, उपाध्यक्ष तोलाराम सियाग, नितिन वत्सस, चित्रेश गहलोत, अल्पसंख्यक अध्यक्ष अमजद अब्बासी, सुमित कोचर,

युवा काँग्रेस सोशल मीडिया संयोजक मनीष खान, राकेश उपाध्याय, मुजाहिद हुसैन कुरेशी, खेल कूद प्रकोष्ट के अध्यक्ष महबूब रंगरेज, उपाध्यक्ष सद्दाम हुसैन,  महासचिव विष्णु पांडे, गिरिराज पारीक, गौरव सोनी, सुरेंदर जावा,

कच्ची बस्ती प्रकोष्ट अध्यक्ष नारायण जैन, शाहरुख खान, इस्माइल खिलजी, ताहिर हसन कादरी, हैदर लोहार, हैदर गुजर, राजीव देवड़ा,

मनोज नागल, दीपचंद मांडा, नरनारायण स्वामी, असलम पठान, मनु चौहान, इस्तियाक अहमद, असगर गोरी, अमन पारीक, वसीम अब्बासी, हरिकिशन चौरसिया, वासु आदि कई युवा साथीगण मौजूद रहे।

सहायता के लिये पूर्व सैनिक अब कभी भी कर सकते हैं फोन

तीन नंबर जारी, पूर्व सैनिकों से किया आग्रह ईसीएचएस कार्ड करवायें अपग्रेड

बीकानेर, 14 सितम्बर।  पूर्व सैनिकों की सहायता के लिये सेना ने तीन नये फोन नंबर 18001806227, 7979860888 तथा 7976864666 जारी किए हैं।

इन नंबरों पर चौबीसों घंटे संपर्क किया जा सकता है। स्टाफ आॅफिसर, ईसीएचएस सेल, स्टेशन मुख्यालय बीकानेर के अनुसार इन नंबरों पर पूर्व सैनिक अपनी समस्या बताकर उसका समाधान या समाधान का तरीका जान सकते हैं।

स्टेशन हैड क्वार्टर स्थित भूतपूर्व सैनिक सहायता केन्द्र में एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) सैल के प्रवक्ता अशोक ओझा ने बताया कि संबंधित नंबरों पर फोन कर पूर्व सैनिक अपनी ईसीएचएस कार्ड संबंधी समस्याओं सहित अन्य समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।

उन्होंने पूर्व सैनिकों से आग्रह किया है कि जिन पूर्व सैनिकों अथवा उनके परिजनों के पास एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) का 16 केबी का कार्ड है वे उसे जल्द से जल्द 64 केबी कार्ड में अपग्रेड करवा लें।

ओझा ने बताया कि 16 केबी का ईसीएचएस कार्ड इस वर्ष 31 दिसंबर तक  की वैद्य रहेगा। इस कार्ड को 64 केबी में अपग्रेड नहीं करवाने से कार्डधारी पूर्व सैनिक व उनका परिवार ईसीएचएस की सेवायें नहीं ले पायेगा।

ओझा ने बताय कि पूर्व सैनिक अपनी पेरेंट पॉलिक्लिनिक से संपर्क करके अपने ईसीएचएस कार्ड को 64 केबी कार्ड में अपग्रेड करवा सकते हैं।

ओझा ने सभी पूर्व सैनिकों को अपने-अपने मोबाइल फोन नंबर भी ईसीएचएस पॉलिक्लिनिक में दर्ज करवाने का आग्रह किया है।

ओझा के अनुसार मोबाइल नंबर दर्ज करवाने वाले पूर्व सैनिकों को उनसे संबंधित सभी जरूरी सूचनायें ईसीएचएस सैल द्वारा मोबाइल पर ही अवगत करावा दी जाएगी।

पीबीएम अस्पताल का होगा नियमित निरीक्षण

बीकानेर, 14 सितम्बर। संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीना ने पीबीएम अस्पताल में जांच, दवा, सहित समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन को अस्पताल के नियमित निरीक्षण करने को कहा है।

मीना ने इस सम्बंध में एक पत्रा  जारी कर अस्पताल के  नियमित निरीक्षण के लिए जिला कलक्टर को एक निरीक्षण दल के गठन करने को कहा,जिसके  आदेशानुसार इस दल के लिए एडीएम (सिटी) को नोडल अधिकारी बनाया जाए व दिवस वार अधिकारियों की नियुक्ति कर निरीक्षण का कार्य सौंपा जाए।

साप्ताहिक रिपोर्ट जिला कलक्टर को प्रस्तुत की जाए। जिला कलक्टर प्रत्येक सोमवार को निरीक्षण रिपोर्ट की समीक्षा कर इस सम्बंध में सम्पादित हुई समुचित कार्यवाही से संभागीय आयुक्त को अवगत करवाएंगे।