खाकी को खादी से मिली राहत

PANCHNAMA-USHA JOSHI DAINIK NAVJYOTI BIKANER
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पंचनामा : उषा जोशी

खाकी को खादी से मिली राहत

चुनाव आचार संहिता लगने के साथ ही खाकीधारियों ने राहत की सांस ली है।

थाने में जमे बैठे कई थानेदार जो शनिवार सुबह तक तक रोज-रोज की खाकी की दखलदांजियों से परेशान दिखाई दे रहे थे वे शनिवार दोपहर बाद ही राहत महसूस करते दिखे।

कईयों को तो यही खुशी थी कि अब कम से कम दो-तीन महीने तक तो खादी के प्रभाव से थाना नहीं छोड़ना पड़ेगा।

हां, चुनाव आचार संहिता लगने के बाद आम जन, सरकारी मशीनरी, राजनीतिज्ञों के काम करने पर तो प्रभाव पड़ा ही है।

मगर थानेदारों ने काम का बोझ बढ़ने पर भी राहत महसूस की है। सही भी है अब तक थानेदारों पर किसी ना किसी राजनेता का ठप्‍पा लगा हुआ था कि जी फलाने को फलां एमएलए ने थानेदारी दिलाई है व ढिमके को फला एमपी के सिफारिशी पत्र के बाद थानेदार बनाया गया है।

कुछ दिन ही सही थानेदारों को बगैर ठप्पे और दखलंदाजी से काम करने का अवसर मिलेगा।

नेताजी का जन्म दिन, मगर कितनी बार

शहर में इस बार एक दिग्गज नेताजी का जन्म दिन इस बार धूमधाम से मनाया गया। खुद नेताजी को भी इस बात का भान नहीं था कि उनके जन्म दिन के दिन इतने सारे समारोह आयोजित होंगे।

मगर चुनावी सीजन है तो पूछने वाले पूछेंगे ही कि नेताजी आप क्या साल में कई बार जन्म दिन मनाते हो।

साथ में यह सलाह भी दी आप तो इस बार भी चुनाव मैदान में उतरोगे नोमिनेशन फार्म में तो असली जन्मदिन लिखना पड़ेगा ही।

तब आप लोगों को कैसे समझाओगे कि आपका असली जन्म दिन कौनसा है, चलो नेताजी तो अपना असली जन्म दिन बता देंगे मगर उनका क्या होगा जो चुनावी मौसम में ऐसी बातों के बम पटाखे छोड़ने से बाज नहीं आते हैं। सुन रहे हैं ना चुनाव आयोग वाले अधिकारी जी।

एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग..

ऐसा नहीं है कि चुनाव आचार संहिता लगने के बाद से ही एक चेहरे पर कई चेहरे लगाकर रखने वाले लोग दिखाई देने लगे हैं,

ऐसे लोगों को हम अन्य दिनों में परखते नहीं है इसलिये वे हमे दिखाई भी नहीं देते हैं। अब चुनाव सिर पर है।

कौन आदमी किस पार्टी किस व्यक्ति का है यह पुलिस के मुखबिरों को भी पता नहीं चल सकता तो आम आदमी की क्या बिसात।

ऐसे में सावधानी यही है कि कोई किसी नेता की बुराई या बड़ाई करे तो बस सुन लो, रियेक्ट करोगे तो सर्वे रिपोर्ट में नाम छप जाएगा।

कहने का मतलब इतना ही है कि जी ये तो आगामी 66 दिन हैं ना उसमें बस तौल मौल कर बोलो और सोच समझकर ही बात करो तो आपकी सेहत के लिये उचित होगा।

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