ईसीबी कार्मिकों ने प्राचार्य के माध्यम से सीएम को पत्र भेजकर दी उग्र आन्दोलन की चेतावनी

ECB personnel sent a letter to the CM through the principal, warning of the fiery movement
ECB personnel sent a letter to the CM through the principal, warning of the fiery movement

बीकानेर, (samacharseva.in)। बकाया वेतन की मांग को लेकर पिछले दस दिनों से आंदोलित इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षकों व कार्मिकों की क्रमिक भूख हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रही। बुधवार को डॉ दीपक सिंह, डॉ धनरूपमल नागर, डॉ गणेश प्रजापत, नवनीत पारीक, कैलाश कुमार, जसवंत सिंह भाटी, शंभूदयाल पारीक, महावीर प्रसाद पंवार, बोहन गहलोत, अमित ओझा भूख हड़ताल पर बैठे।

इस बीच आंदोलनकारियों ने कॉलेज प्राचार्य के माध्यम से मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र भेजकर बकाया वेतन जल्द नहीं मिलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। कार्मिकों ने बुधवार को भी कॉलेज के  मुख्य द्वार पर ताला यथावत बन्द रखा। इसके कारण परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि बीकानेर प्रशासन ने ईसीबी कार्मिकों को आंदोलन समाप्त करने पर दो दिन में बकाया वेतन भुगतान समस्या का हल निकालने का आश्वासन तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से दिया था मगर दो दिन बीतने के बाद भी ईसीबी कार्मिकों के बैंक खातों में वेतन राशि जमा नहीं हुई है।

वहीं, ईसीबी कार्मिकों के समथन राजस्थान की सभी 11 स्वायत्तशासी महाविद्यालय में भी धरना-प्रदर्शन जारी है।    उल्लेखनीय है कि पिछले 7 महीनों से वेतन को तरस रहे है इसी कारण ईसीबी के कार्मिकों ने आज पुन: तकनीकी शिक्षा मंत्री  व सरकार विरोधी नारे लगाकर विरोध जताया। रेक्टा अध्यक्ष डॉ. शौकत अली ने बताया अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर से उठी आन्दोलन के चिंगारी ने अब राज्यव्यापी आन्दोलन का रूप ले लिया है।

रेक्टा प्रवक्ता डॉ महेन्द्र व्यास  ने बताया कि आन्दोलन के कारण आगामी दिनों में महाविद्यालय में आयोजित होने वाली सभी प्रकार की परीक्षा, भर्ती परीक्षा भी बाधित हो सकती है, जिसकी संपूर्ण जिम्मेवारी जिला प्रशासन व राज्य सरकार की होगी। इस बीच भाजपा नेता ताराचंद सारस्वत ने भी ईसीबी कर्मचारियों की मांग का समर्थन किया है।

बुधवार को धरना-प्रदर्शन स्थल पर कार्मिकों को रेक्टा संरक्षक डॉ ओ.पी.जाखड, डॉ गौरव बिस्सा, विनोद चौधरी, डॉ नरपत सिंह शेखावत, कालू छंगाणी,डॉ मनोज कुडी, मनोज व्यास, उदय कुमार, ओमप्रकाश ने सम्बोधित किया।