बीकानेर, (समाचार सेवा)। महाराजा
गंगासिंह विश्वविधालय बीकानेर में सेंटर फॉर वूमन स्टडीज की डायरेक्टर डॉ.
मेघना शर्मा ने कहा कि कोई
भी संदेश सार्वजनिक संगोष्ठियों के माध्यम से
जन-जन तक
सरलता से पहुंचाया जा
सकता है। डॉ. मेघना रविवार
को गंगाशहर स्थित नैतिकता के शक्तिपीठ स्थल पर ‘‘राष्ट्र उत्थान व
आचार्य महाप्रज्ञ’’ विषयक संगोष्ठी
को मुख्य वक्ता
के रूप में संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि महाकवि रामधारी सिंह
‘दिनकर’ ने आचार्य महाप्रज्ञ को
भारत के दूसरे विवेकानन्द की
उपाधि दी थी।
डॉ. मेघना ने कहा कि आचार्य
महाप्रज्ञ ने आगमों को
जनभाषा में उपलब्ध करवाया जिससे
आज आम आदमी
को पढ़ने के
लिए सुगम हो
रहे हैं। आचार्य महाप्रज्ञ और
अब्दुल कलाम ने
एक साथ एक
पुस्तक लिखकर विज्ञान और
अध्यात्म का समन्वय स्थापित किया
है।
आचार्य तुसली की मासिक पुण्यतिथि पर आयोजित इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि महापौर सुशीला कंवर
राजपुरोहित ने कहा कि आचार्य तुलसी
ने आठ दशक तक धर्म-अध्यात्म
के माध्यम से
जन-जन को
नैतिकता का पाठ
पढ़ाया तथा चारित्र उत्थान के
लिए प्रेरित किया
एवं महिला उत्थान व
सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया।आचार्य तुलसी
शान्ति प्रतिष्ठान के
अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने
कहा कि तेरापंथ के
आचार्य समय के
पाबंद होते हैं।
संगोष्ठी में मुनिश्री शान्तिकुमार ने कहा कि आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ ने विश्व को शान्ति और सद्भावना का संदेश दिया। मुनिश्री मणिलाल ने कहा कि जीवन में शान्ति, समन्वय, संयम, अहिंसा, समता है, संयम है, सत्य है, अहिंसा, वैराग्य, प्रेम है तभी जीवन में शान्ति होती है।
मुनिश्री कुशलकुमार ने कहा कि ‘राष्ट्र उत्थान और धर्म’ में से राष्ट्र पहले और धर्म बाद में होता है। साधक अश्विनी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ प्रज्ञावान पुरुष थे। उपमहापौर राजेन्द्र पंवार, मानमल सोनी, मोहनी देवी सोनी, मुनिश्री श्रेयांसकुमार ने भी विचार रखे।
संगोष्ठी की शुरूआत तेरापंथ कन्या मंडल, गंगाशहर द्वारा मंगलाचरण का संगान के साथ हुई। समारोह के दौरान संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. मेघना शर्मा, मुख्य अतिथि महापौर सुशीला कंवर , उपमहापौर राजेन्द्र पंवार का स्मृति चिंह, साहित्य एवं पताका भेंट कर अभिनंदन किया गया।
समारोह में पार्षद भवंरलाल साहू, बजंरग शोकल, शिवरतन पडि़हार, सुशील सुथार, रामदयाल पंचारिया, कुलदीप कडेला, सुमन छाजेड़, मंजु देवी सोनी, राजेश कच्छावा को पताका पहनाकर व स्मृतिचिंह भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन पार्षद सुमन छाजेड़ ने किया।