कोरोना काल में घर में ही रसायन-मुक्त सब्ज़ियां उगाने की जरूरत – डॉ. ऋचा पंत 

GHAR KI BAGIA
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बीकानेर, (समाचार सेवा)। कोरोना काल में घर में ही रसायन-मुक्त सब्ज़ियां उगाने की जरूरत – डॉ. ऋचा पंत, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कृषि विज्ञान केंद्र   लूनकरनसर में विषय विशेषज्ञ (खाद्य एवं पोषण) डॉ. ऋचा पंत ने समाचार सेवा से बात करते हुए कहा कि आज जब देश कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में आवश्‍यकता है कि लोग अपने स्‍वास्‍थ को पहली प्राथमिकता देंवे।

Dr. richa pant panday
Dr. richa pant panday

उन्‍होंने कहा कि घर में ही रसायन-मुक्‍त सब्जियां उगाकर हर व्‍यक्ति स्‍वास्‍थ्‍य रक्षा के पहले कदम के तौर पर इसकी शुरूआत कर सकता है। फल व सब्ज़ियों में अनेकों विटामिन व खनिज तत्त्व हैं जो संक्रमण से बचाते तो हैं ही परन्तु यदि अपरिहार्य कारणों से  संक्रमण हो जाये तो शरीर में एंटीबाडी बनाकर संक्रमण से लड़ने में भी सहायक होते हैं। संक्रमण काल में खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए घर पर रहने के साथ ही फल व सब्ज़ियों  का अत्यधिक उपयोग कारगर है।

डॉ. ऋचा ने बताया कि प्रत्‍यक हाउस होल्‍ड थोडे से प्रयास से ही घर की बगिया में बैंगन, टमाटर, लौकी, तुरई, भिंडी, धनिया, पुदीना, मिर्ची तुलसी, करीपत्ता, एलोवेरा निम्बू किन्‍नू पपीता उगा सकता है। उन्‍होंने बताया कि 04 सदस्यों के परिवार के लिए बैगन के 04 पौधे टमाटर के 05 पौधे भिंडी के  10 पौधे मिर्ची के तीन पौधे पर्याप्त सब्ज़ी दे देते हैं।

साथ ही निम्बू, पुदीना, धनिया सब घर पर ही उगाये जा सकते हैं। सदाबहार के पौधे गेंदे के पौधे देशी गुड़हल से घर की रौनक भी बढा सकते हैं। डॉ. ऋचा के अनुसार महामारी के दौर में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए हम आसानी से घर में रहकर सब्ज़ियों की अपनी ही एक ‘पोषण वाटिका’ तैयार कर लें तो मंडी जाने की ज़रूरत भी कम रहेगी। साथ ही लॉक डाउन के कारण में घर में रहने की मजबूरी से उत्पन्न तनाव व अवसाद को भी कम कर सकते हैं।

घर की बगिया निर्माण में कबाड का उपयोग

डॉ. ऋचा ने बताया‍ कि घर की बगिया बनाने के लिये फालतू सामानों का भी बेहतर उपयोग किया जा सकता है। इनमें गत्ते के डिब्बों को प्लास्टिक की थैलियों से मढ़कर वाटरप्रूफ बनाकर इसमें जगह जगह पानी निकलने की व्यवस्था करने के साथ ही मिटटी के बर्तन और टीन के डिब्बों में भी पानी की निकासी सुनिश्चित कर बगिया तैयार करने की पहली सीढी पार की जा सकती है। इसके बाद खाली पड़ी शीतल पेय बोतलों को ऊपर से काट कर पर्याप्त छेद कर उनका प्रयोग छोटी-छोटी क्यारियां बनाने में हो सकता है।

यूं तैयार करें बगिया के यिे सूक्षम तत्‍व युक्‍त मिश्रण

चाय की पत्ती केले के छिलके सब्ज़ियों के छिलके आदि को एक बर्तन में डालकर पानी से भरकर ढक देने से 4 से 5 दिन में यह पानी आपकी घरेलु खेती के लिए अच्छे सूक्ष्म तत्त्व युक्त मिश्रण तैयार कर देगा। लकड़ी की जलने से बची राख नीम की पत्तियां व खली तथा शैम्पू मिश्रित पानी पौधों की अनेक प्रकार से रक्षा करेगा।

पुरानी खाली बोतलों से बनाई क्‍यारियों में बैंगन, टमाटर, लौकी, तुरई, भिंडी आदि के बीजों को उचित दूरी पर बो कर बगिया तैयार हो सकती है। इन क्‍यारियों में लकड़ी लगाकर बेलों के लिए चढाने की व्यवस्था कर सकते हैं। इस प्रकार धनिया, पुदीना, मिर्ची आदि आसानी से उगाये जा सकते  हैं।

घर पर ही लगाए औषधिय पौधे

डॉ. ऋचा ने बताया कि औषधीय गुण वाले तुलसी, करीपत्ता, एलोवेरा आदि के पौधे भी घर की बगिया में  लगा सकते हैं। साथ ही निम्बू किन्नो पपीता आदि के कुछ फलदार पौधे भी सकते है। मन बहलाव के लिए कुछ सदा खिले रहने वाले सदाबहार के पौधे गेंदे के पौधे देशी गुड़हल आदि भी अपनी बगिया में लगा सकते हैं।

लॉकडाउन पीरियड में समय का सदउपयोग

उन्‍होंने कहा कि लॉकडाउन के इस दौर में आप अपनी इस छोटी बगिया के अद्भुत संसार में इतने व्यस्त और मस्त हो जायेंगे कि ऐसा लगेगा मानो जीवन आनंद से भर गया हो। फिर न कोई लॉकडाउन याद रहेगा न कोई महामारी। उन्‍होनें समाचार सेवा के माध्‍यम से लोगों से यह अपील की हे कि वे अपनी बगिया तैयार करने का प्रयास करें। यह काम बहुत  सरल है कोई कठिन  भी नहीं।