शहरी कॉलोनियों में पेयजल का भीषण संकट
बीकानेर, (समाचार सेवा)। शहरी कॉलोनियों में पेयजल का भीषण संकट, बीकानेर की बाहरी कॉलोनियों में पेयजल की किल्लत होने लगी है। लोगों को दैनिक जल की आपूर्ति के लिये टैंकरों से पानी खरीदकर मंगवाना पड रहा है। शुक्रवार को मुरलीधर व्यास कॉलानी के कई घरों में पानी की आपूर्ति रुपये देकर टैंकरों से करवानी पडी।
कॉलोनी में डी सेक्टर के निवासी व्यास जी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पानी नहीं के बराबर आ रहा है। कभी आता है कभी नहीं। वहीं जलदाय विभाग की नाफरमानी के कारण करनी नगर, शिवालिक कॉलोनी,पूजा एनक्लेव, इंद्रप्रस्थ नगर,यूआईटी कॉलोनी समेत अनेक इलाकों में पेयजल आपूर्ति नहीं होने के कारण त्राहि त्राहि मच गई है।
करणी नगर विकास समिति की ओर से जलदाय विभाग की गफलत के कारण पीने का पानी आपूर्ति नहीं करने को ले कर संपर्क पोर्टल सहित ज़िला प्रशासन को शिकायत प्रेषित की गई है। समिति के भंवर सिंह शेखावत ने बताया कि होटल करणी भवन पैलेस के पीछे स्थित इन आवासीय कॉलोनियों में जलदाय विभाग ने 20 वर्ष पूर्व छोटे आकार की पाइपलाइन डाली थी उस समय यहां गिने चुने मकान थे लेकिन अब 29 साल बाद सैंकड़ों मकान बन गए हैं और पेयजल की खपत 100 गुना बढ़ गई है जबकि विभाग ने पाइपलाइन नहीं बदली है।
उन्होंनें बताया कि इन क्षेत्रों में पिछले 20 साल से सुबह के वक्त एक ही समय मात्र आधे घंटे के लिए पेयजल आपूर्ति होती आ रही है जो किसी स्थिति में पूरा नहीं पड़ता,वर्तमान में 2 दिन से एक बार मात्र आधे घंटे के लिए पानी की आपूर्ति की जा रही है और उसमें भी प्रेसर नहीं होने के कारण घरों में पानी पहुंच ही नहीं पाता। विकास समिति के भंवर सिंह शेखावत ने बताया कि पानी नहीं आने के कारण घरों में टैंकरों से पानी डलवाया जा रहा है जो बहुत मंहगा पड़ता है।
उन्होंने जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवम अधीक्षण अभियंता सहित जिला कलेक्टर से आग्रह किया है कि हजारों घरों में आसन्न पेयजल संकट को दूर करने के लिये प्रतिदिन दोनों समय पेयजल आपूर्ति करवाई जाए तथा नियमित पेयजल वितरण किया जाए।उन्होंने बताया कि इन इलाकों में बड़ी संख्या में कोविड पॉजिटिव हैं जिनके लिए पेयजल का समयबद्ध वितरण आवश्यक है।
समिति के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कल से पेयजलापूर्ति सुचारू नहीं की गई तो कॉलोनी के निवासी जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।
सुचारू पेयजल आपूर्ति पर बराबर नजर रखने के निर्देश
जयपुर, (समाचार सेवा)। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत एवं जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव नवीन महाजन ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) से जुड़े जिलों में जारी नहरबंदी के दौरान सभी क्षेत्रों में सुचारू पेयजल प्रबंधन पर सतत नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
पंत एवं महाजन शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेसिंग (वीसी) के माध्यम से इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जुड़े बीकानेर, श्रीगंगानगर, चुरू हनुमानगढ़, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, झुंझुनू और सीकर जिलों के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल संसाधन विभाग एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अधिकारियों की संयुक्त बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं प्रमुख शासन सचिव, जल संसाधन विभाग ने कहा कि गर्मी के मौसम और कोविड-19 के कारण उत्पन्न चुनौतीपूर्ण स्थितियों में जलदाय विभाग और जल संसाधन विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय, सर्तकता और सजगता के साथ कार्य करे।
एसीएस पंत ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर में ‘पोंडिंग’ तथा पीएचईडी के स्तर पर किए गए स्टोरेज के अलावा भी किसी जिले में टेल एंड पर किसी भी प्रकार की आवश्यकता हो तो टैंकर्स के माध्यम से जल परिवहन व्यवस्था एवं कंटीजेंसी के कार्यों को पूर्ण करते हुए लोगों को समय पर राहत दी जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे कोविड-19 की चुनौती को देखते हुए पूरी सावधानी रखें।
जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव नवीन महाजन ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना में गत 28 अप्रैल से आरम्भ एक माह की पूर्ण नहरबंदी से पहले बीबीएमबी से कुछ अतिरिक्त पानी लेते हुए जलदाय विभाग को पेयजल आपूर्ति के लिए मुहैया कराया गया है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना के 79 साइट्स पर मरम्मत एवं रखरखाव के कार्य निर्धारित शेड्यूल के अनुसार चल रहे है। ये सभी कार्य समय पर पूरे कर लिए जाएंगे।
जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंत और जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव महाजन ने कहा कि जनता को कहीं भी पेयजल की दृष्टि से कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
वीसी से पीएचईडी के मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना एवं मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) दिलीप गौड़, मुख्य अभियंता (नागौर) दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (जोधपुर) नीरज माथुर, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा एवं हनुमानगढ़ में आईजीएनपी के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल के अलावा सम्बंधित जिलों के पीएचईडी, जल संसाधन विभाग एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अधिकारी भी जुड़े।
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