दुर्दशा का शिकार डॉ. टैस्सीटोरी का समाधि-स्थल

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बीकानेर, (समाचार सेवा)।  राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व के लिए अपना जीवन बीकानेर की धरा पर ही होम कर देने वाले महान ईटालियन विद्वान डॉ. लुईजि पिऔ टैस्सीटोरी का बीकानेर स्थित समाधि स्थल दुर्दशा का शिकार हो चुका है। आज टैस्सीटोरी का समाधि स्थल झाड़-झंकड़, कूड़ा-कचरा तथा बेतरतीब तरीके से बिखरी पड़ी निर्माण सामग्री का स्थल बन चुका है।

यही कारण है कि टैस्सीटोरी की जयंती व पुण्यतिथि पर वहां जाने वालों को समाधि स्थल की खराब हो चुकी स्थिति के कारण समाधि-स्थल पर पहुंच पाना ही कठिन हो चुका है। राजस्थानी युवा लेखक संघ एवं प्रज्ञालय संस्थान सहित शहर के अनेक संस्थान डॉ. टैस्सीटोरी की जयंती व पुण्यतिथि पर आयोजन करते हैं। ये संस्थाये डॉ टैस्सीटोरी जैसे महान् विद्वान के कार्यों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए गत चार दशकों से भी अधिक समय से अपना सृजनात्मक दायित्व निर्वहन कर रहे हैं।

राजस्थानी युवा लेखक संघ एवं प्रज्ञालय  संस्थान प्रति वर्ष उनकी पुण्य तिथि और जयन्ती पर आयोजन करवाता रहा है। ये संस्थायें प्रति वर्ष आयोजन से पूर्व नगर निगम एवं जिला प्रशासन से समाधि स्थल की सार सम्हाल की मांग करती है मगर थोड़े बहुत रख-रखाव के अलावा स्थायी व्यवस्था नहीं की जा रही है। राजस्थानी युवा लेखक संघ के प्रदेशाध्यक्ष एवं राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा ने बताया कि 22 नवंबर को डॉ. टैस्सीटोरी की पुण्यतिथि है।

इसके लिये नगर निगम एवं जिला प्रशासन से पुन: इस वर्ष 22 नवम्बर से पूर्व डॉ. टैस्सीटोरी के समाधि-स्थल पर समुचित सफाई व्यवस्था व अन्य कार्य करवाने का आग्रह किया गया है।  रंगा ने बताया कि डॉ. टैस्सीटोरी के समाधि स्थल पर निर्माण कार्य अधुरा पड़ा है उसे नगर विकास न्यास शीघ्र पूरा कराए। साथ ही समय-समय पर संस्था द्वारा इस स्थल को पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित किया जाए। 

डॉ. टैस्सीटोरी की पुण्यतिथि पर होगा तीन दिवसीय समारोह

पुष्पांजलि-विचारांजलि, काव्यांजलि एवं डॉ टैस्सीटोरी की पुस्तक पर होगी चर्चा

बीकानेर, (समाचार सेवा)।  राजस्थानी भाषा साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व के विद्वान डॉ लुईजि पिऔ टैस्सीटोरी की 100वीं पुण्यतिथि के अवसर पर राजस्थानी युवा लेखक संघ एवं प्रज्ञालय संस्थान द्वारा तीन दिवसीय सृजनात्मक समारोह का आयोजन 22 से 24 नवम्बर तक किया जाएगा। 

समारोह के संयोजक शायर कासिम बीकानेरी एवं समारोह प्रभारी सस्कृतिकर्मी शिवशंकर भादाणी ने बताया कि प्रथम दिन 22 नवम्बर शुक्रवार को डॉ. टैस्सीटोरी को नमन करते हुए उन्हीं की समाधि-स्थल पर गत चार दशकों से अधिक अवधि की परंपरा का निवर्हन करते हुए उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करते हुए विचारांजलि का आयोजन प्रात: 10 बजे किया जाएगा।

समारोह के दूसरे दिन 23 नवम्बर शनिवार को शाम 5:30 बजे नालंदा स्कूल में डॉ टैस्सीटोरी को समर्पित काव्यांजलि का आयोजन रखा गया है। इसमें हिन्दी, उर्दू एवं राजस्थानी के कवि शायर अपनी नई ‘इंसाफ-न्याय’ को केन्द्र में रखकर अपनी रचना का पाठ करेंगे।

समारोह के तीसरे दिन 24 नवम्बर रविवार को  डॉ. टैस्सीटोरी के राजस्थानी भाषा साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व के क्षेत्र में दिए गए महत्वपूर्ण अवदान एवं उनके जीवन पर केन्द्रित महत्वपूर्ण पुस्तक ‘डॉ. टैस्सीटोरी’ पुस्तक पर चर्चा का आयोजन स्थानीय नालंदा स्कूल में शाम 5:30 बजे रखा गया है।