जयपुर, (समाचार सेवा)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन की दिशा
में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जो अधिकारी लापरवाही करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी। गहलोत गुरुवार
को मुख्यमंत्री कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिला कलेक्टरों के साथ आमजन से जुडे़ अन्य विषयों
पर समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा बेहतर पब्लिक सर्विस डिलीवरी
सरकार का मुख्य एजेण्डा है। इसकी धरातल पर मॉनीटरिंग के लिए अब हर माह जिला कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होगी। गहलोत ने कहा कि कलेक्टर जिलों में सरकार का चेहरा हैं, जिला कलेक्टर संवेदनशीलता और सुशासन
की मंशा के अनुरूप काम करें। बांसवाड़ा के प्रभारी सचिव अखिल अरोरा तथा पाली के
प्रभारी सचिव प्रीतम बी यशवंत के जिलों के दौरे पर नहीं जाने को मुख्यमंत्री ने
गंभीरता से लिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य ने कहा कि जिलों में
वित्तीय अनुशासन बनाए रखना, जिला
कलेक्टरों की जिम्मेदारी है। अगर वे इस दिशा में प्रयास करेंगे तो अनावश्यक व्यय
को रोका जा सकेगा और यह पैसा जनहित से जुडे़ कार्यों में उपयोग हो सकेगा। इस अवसर
पर प्रमुख शासन सचिव प्रशासनिक सुधार विभाग श्री आर वेंकटेश्वरन, आयोजना विभाग के प्रमुख सचिव अभय
कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पेंशनर्स को ना हो परेशानी
गहलोत ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वार्षिक सत्यापन
के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की बाध्यता को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि
इसमें ऐसे लोग लाभान्वित होते हैं, जो
वृद्धावस्था,
दिव्यांगता, बीमारी एवं अन्य कारणों के चलते
व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में असमर्थ रहते हैं। ऐसे लोगों को राहत देने के
लिए अभियान चलाकर पटवारी और ग्राम सेवकों की मदद से लंबित सत्यापन का कार्य 31 दिसम्बर तक पूरा करें।
तीन माह में निपटाएं दस साल से पुराने राजस्व मामले
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में करीब 4 लाख 75 हजार प्रकरण लंबित होना गंभीर है। उन्होंने कहा कि राजस्व
सचिव एवं जिला कलेक्टर इनकी समीक्षा कर समय पर निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने
कहा कि 10 वर्ष से ज्यादा पुराने मामलों का 3 माह में, 5 वर्ष से अधिक पुराने मामलों का 6 माह में तथा 3 वर्ष से ज्यादा पुराने मामलों का 12 माह में निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
जारी हुए 1.33 लाख से
अधिक ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट
बैठक में बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण में
अचल सम्पत्ति संबंधी प्रावधान हटाए जाने के बाद राज्य में 1 लाख 33 हजार से अधिक ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को राज्य की सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं
में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का अधिक से अधिक लाभ मिले, इस मंशा से हमारी सरकार ने इस आरक्षण की जटिलाएं हटाई थीं।