बेरोजगारों के आत्मनिर्भर बनने के रास्ते में रोड़ा बनते बैंक

Banks becoming obstacles in the way of unemployed becoming self-reliant

बीकानेर, (samacharseva.in)।  बेरोजगारों के आत्मनिर्भरबनने के रास्ते में रोड़ा बनते बैंक, बेरोजगारों द्वारा अपना खुद का व्यवसाय प्रारंभ करने के काम में लगता है बैंक की रोड़ा बने हुए हैं।

राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के संभाग कार्यालय बीकानेर द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत आमंत्रित आवेदन पत्रों पर ही गौर करें तो खादी बोर्ड के 22 लोगों को नव व्यवसाय के ऋण दिलाने के लक्ष्य के विरुद्ध बैंकों ने केवल 11 लोगों के ही आवेदन स्वीकृत किए हैं।

जबकि खादी बोर्ड ने लक्ष्य के विरुद्ध बैंकों को कुल 39 आवेदन भिजवाये थे। इस प्रकार बैंकों की ओर से कुल 28 आवेदन रिजेक्ट कर दिये गए। बीकानेर संभाग के खादी बोर्ड के अधिकारी शिशुपाल सिंह ने बताया कि बीकानेर जिले में 66 लाख रुपये अनुदान का 22 लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य था। इसके अनुपात में 142.09 लाख अनुदान के 39 मामले विभिन्न बैंकों को स्वीकृत कर भिजवाए गए।

उन्होंने बताया कि इनमें से 28 .52 लाख अनुदान के 11 मामलों को बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत किये गए हैं जिनमें से 7 को 19.43 लाख रुपये की मार्जिन मनी का भुगतान हुआ है। शिशुपाल सिंह ने बताया कि बैंकों ने 63.96 लाख रुपये अनुदान के 20 मामले अस्वीकृत करके वापस भेज दिए हैं जबकि 52.81 लाख अनुदान के 11 मामले विभिन्न बैंकों में पेंडिंग हैं। उन्होंने बताया कि पीएमईजीपी के तहत अनुसूचित जाति,जन जाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला, दिव्यांग आदि केटेगरी को लागत का 35 प्रतिशत तथा सामान्य पुरुष को 25 प्रतिशत अनुदान स्वीकृत किया जाता है।

पता चला है कि भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य बैंक इन मामलों में ऋण स्वीकृति में रुचि नहीं लेते हैं और अधिकतर मामलों को रिजेक्ट कर देते हैं। पीएमईजीपी के पोर्टल पर संबंधित बैंकों द्वारा आवेदन अस्वीकृत करने के कारण के रूप में बिशेष अंकन नहीं किया जाता है और रिजेक्टेड, नॉट वायबल, आदि नोट लगा कर वापस भेज दिए जाते हैं। बैंकों की विभिन्न शाखाओं से ऋण आवेदन अस्वीकृत होने से व्यथित अनेक आवेदकों ने बताया कि अनेक जतन करके ऑन लाइन आवेदन किये, उम्मीद के साथ सपने संजोए लेकिन बैंक ने बिना किसी सूचना के आवेदन खारिज कर उनके सपने तोड़ डाले।

जानकारी हो कि इन मामलों में गतिशीलता लाने के लिए लीड बैंक ऑफिसर के सौजन्य से जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठकें आयोजित की जाकर समय समय पर आवश्यक निर्देश भी दिए जाते हैं। जिला उद्योग केंद्र बीकानेर की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा से इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंनें इसे बेहद गंभीर माना और बैंकों द्वारा असहयोग की शिकायतें प्राप्त होना स्वीकार किया।

उन्होंनें बताया कि इस प्रकार की जानकारी मिली है इसके लिए संबंधित बैंक के एजीएम एवम डीजीएम से वार्ता कर उचित कार्यवाही करने के लिए कहा जायेगा तथा जिला समन्वय समिति की बैठक में जिला कलेक्टर के समक्ष इस प्रकार के मामले रखे जाएंगे।

क्या है पीएमईजीपी

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत मिडल तक शिक्षित लोगों को निर्माण इकाई के लिए 25 लाख एवम सेवा क्षेत्र के लिए 10 लाख रुपये के ऋण स्वीकृत किये जाते हैं। इसी प्रकार 10 वीं से कम अथवा साक्षर लोगों के लिए निर्माण क्षेत्र के लिए 10 लाख तथा सेवा क्षेत्र के लिए 5 लाख के ऋण मंजूर किये जाते हैं।

सभी आवेदन सरलीकृत प्रक्रिया के तहत पीएमईजीपी पोर्टल पर ऑनलाईन भरने की सुविधा है। आवेदक आवश्यक दस्तावेज पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड किये जा सकते हैं।