बीकानेर, (samacharseva.in)। अजब बीकानेर प्रशासन की गजब पहेली। सुलझ जाए तो हमें भी बताना। जिले को एक राष्ट्रीय पुरस्कार घोषित हुआ। सरकार ने एक अधिकारी को पुरस्कार प्राप्त करने के लिये नामित किया। पिफर क्या हुआ पूरी खबर पढ लीजिये।
बीकानेर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में सराहनीय प्रयास करने के फलस्वरूप देश के जलशक्ति मंत्रालय ने जिले को राष्ट्रस्तरीय पुरस्कार के लिए नामित किया गया। इसके लिए राज्य सरकार ने जिला परिषद के सीईओ नरेंद्र पाल सिंह को पुरस्कार लेने हेतु अधिकृत किया। बीकानेर कलेक्टर कुमारपाल गौतम ने सीईओ के स्थान पर प्रशिक्षु आईएएस अभिषेक सुराणा को यह पुरस्कार प्राप्त करने के लिए भेजा है।
इस घालमेल की जानकारी मिली ग्रामीण विकास एवम पंचायत राज विभाग के पत्र से मिली है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)के निदेशक पीसी किशन के पत्र क्रमांक 4350-63 दिनाँक 10 जनवरी 2020 द्वारा जल शक्ति मंत्रालय दिल्ली के निदेशक को बीकानेर जिला परिषद के सीईओ नरेंद्र पाल सिंह का नाम भेजकर जानकारी दी थी कि यह राष्ट्रीय पुरस्कार लेने के लिए जिला परिषद बीकानेर के सीईओ नरेंद्र पाल सिंह को दिल्ली भेजा जा रहा है।
इस आदेश के बावजूद प्रशिक्षु आईएएस अभिषेक सुराणा को यह पुरस्कार लेने के लिए दिल्ली जाने के लिये क्यों कहा गया, यह अभी पता नहीं चला है।
10 जनवरी का सरकारी आदेश और 10 जनवरी की ही सरकारी खबर अलग-अलग
प्लास्टिक कचरे के निस्तारण में बीकानेर जिले के नवाचारों को देशभर में सराहा गया, मिलेगा पुरस्कार
जयपुर, 10 जनवरी। बीकानेर जिले को प्लास्टिक वेस्ट के बेहतर
निस्तारण के क्षेत्र में किए गए नवाचारों के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। जलशक्ति
मंत्रालय, भारत सरकार के पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा नई दिल्ली में 12 जनवरी को आयोजित
होने वाले राष्ट्र स्तरीय समारोह में बीकानेर जिले को इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
जिले का यह पुरस्कार भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी अभिषेक सुराणा
प्राप्त करेंगे। पुरस्कार प्राप्त करने के लिए जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम को
दिल्ली जाना था, परन्तु पंचायत चुनाव की तैयारियों की व्यस्तता के चलते और
अन्तर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव के कारण उन्होंने सुराणा को यह पुरस्कार प्राप्त करने
के लिए नामित किया है।
उल्लेखनीय है कि
बीकानेर जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए नवाचार
के रूप में बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया था और लोगों को इस बारे में जागरूक करने
के साथ ही जिले की ग्राम पंचायत को प्लास्टिक-वेस्ट से मुक्त करने का कार्य किया
गया था और बेहतर प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायत का चयन कर संबंधित सरपंच को ‘‘चैम्पियन सरपंच’’ के खि़ताब से भी
नवाजा गया था। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम द्वारा
प्लास्टिक मुक्त ग्राम पंचायत के लिए जिले के ग्राम पंचायतों के सरपंचों के साथ
जिला मुख्यालय पर बैठक की गई और अभियान के दौरान विभिन्न ग्राम पंचायतों में जाकर
वहां के पंच-सरपंच, मौजीज नागरिकों और व्यापार-संगठनों से बातचीत कर
प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण बनाने की बात कही थी।