बीकानेर, (समाचार सेवा)। ये है राजस्थान सरकार का जन सूचना पोर्टल, राजस्थान सरकार ने जन सूचना पोर्टल के माध्यम से जनता की सूचनायें जनता के ही हाथों में सौप दी हैं। जन सूचना पोर्टल के माध्यम से आमजन को सूचनाएं आसानी से उपलब्ध होगी जो सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4 (2) की मूल भावना से प्रेरित है। प्रदेश सरकार ने अपने इस निर्णय से सूचना के अधिकार से एक कदम और आगे बढ़ा लिया है।
इस पोर्टल के माध्यम से प्रथम चरण में प्रदेश के नागरिकों को 13 विभागों से जुड़ी
सूचनाएं सरल भाषा में एक ही प्लेटफार्म पर मिलनी प्रारंभ हो गई है। जन सूचना पोर्टल
2019 पर 13 विभागों की 23 योजनाओं एवं सेवाओं की सूचना शुरुआत में शामिल की गई है जल्दी
ही संख्या में इजाफा किया जाएगा। मुख्यमंत्री का सपना है कि 1 वर्ष के भीतर सभी विभागों
और राज्य की सभी योजनाओं को इस पोर्टल के द्वारा जोड़ा जाए और प्रदेश की जनता के हाथ
सभी योजनाओं की जानकारी पहुंचे।
प्रथम चरण में इस पोर्टल पर ऊर्जा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, सहकारिता, श्रम एवं रोजगार, भू प्रबंध, प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण, प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, खान एवं भूविज्ञान, जनजाति क्षेत्रीय विकास परिषद
तथा सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार को शामिल किया गया है।
इन विभागों की 23 योजना और सेवाओं को जन सूचना पोर्टल 2019 से जोड़ा गया है। इनमें महात्मा गांधी नरेगा के श्रमिकों
से संबंधित जानकारी, पंचायती राज संस्थाओं के विकास कार्य, आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना
के लाभार्थी, खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी,
राशन कार्ड धारक, सहकारी अल्पकालीन फसली ऋण
2019 का वितरण, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहन व तिलहन की खरीद, शाला दर्पण शाला दर्शन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थी,
श्रमिक कार्ड धारक, स्टेट रेजिडेंट डाटा रिपोर्सीट्री कार्ड धारक, गिरदावरी की नकल, विद्युत उपभोक्ता एवं आवेदन, ग्रामीण क्षेत्रें में खुले
में शौच मुक्त योजना के लाभार्थी, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना, सूचना का अधिकार, उचित मूल्य की दुकान, राजस्थान कृषि योजना-2019 के
लाभार्थी, विशेष योग्य जन, पालनहार के लाभार्थी, ईमित्र कियोस्क तथा वन अधिकार अधिनियम की आदि की जानकारियां
इस पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी।
इससे सरकारी विभागों से आरटीआई के तहत मांगी जाने वाली जानकारियों की अर्जीयों
में कमी आएगी और आम आदमी को संबंधित जानकारी घर बैठे सुलभ हो जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सूचना
के अधिकार के प्रारंभ से ही समर्थक रहे उनका मानना था कि आम आदमी को उसकी और सरकारी
योजनाओं की जानकारी पाने का पूरा पूरा अधिकार है। उनकी पहल पर राज्य सरकार ने जन सूचना
पोर्टल की परिकल्पना की और उसे साकार करते हुए 13 सितंबर को 2019 को प्रदेश की जनता
को समर्पित कर दिया।
सूचना का अधिकार जन आंदोलन वर्ष 1994 मैं पाली जिले के कोटकिरान से हुआ था। वर्ष 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इसे लागू किया। राजस्थान में यह अधिनियम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दूसरे कार्यकाल के समय लागू कर दिया गया था।