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नरेगा-संविदा कार्मिकों के समर्थन में सरपंचों ने पंचायतों पर ठोके ताले

dulchasar me panchayat par tala thokate sarpanch

बीकानेर, (समाचार सेवा)। महात्मा गांधी नरेगा कार्मिक संघ व पंचायतीराज मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगो के समर्थन में जिले में अनेक सरपंचों ने बुधवार 30 मई को अपनी-अपनी पंचायतों पर ताले ठोक दिये।

सरपंच एसोसियेशन से जुड़े सरपंच गिरधारीलाल महिया ने ग्राम पंचायत दुलचासर में तालाबंदी की। उन्होंने क्षेत्र के अन्य सरपंचों से भी आव्हान किया कि वे अपनी पंचायत कार्यालयों पर ताला लगाकर चाबी एसडीएम को सौंप दें।

वहीं बीकानेर में नरेगा कार्मिकों की संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कलेक्ट्रेट के सामने दिया जा रहा धरना बुधवार को भी जारी रहा। धरना स्थल पर पहुंचे जनकिसान पंचायत जयनारायण व्यास सरंक्षकने कर्मचारियों की मांगो को उचित मानते हुए धरने का समर्थन किया।

उन्‍होंने सरकार को किसानो के पानी बन्द करने व कर्मचारियों के हितों को ध्यान में न रखने पर आन्दोलन तेज करने की चेतावनी दी। पंचायतीराज मंत्रालयिक कर्मचारी  के सरंक्षक गोविन्द सिंह भाटी व अध्यक्ष अजीत सिंह भाटी ने बताया कि गुरुवार को वाहन रैली पंचायत समिति बीकानेर से जिला कलेक्टर तक वाहन रैली निकाली जाएगी।

साथ ही सदबुद्धि यज्ञ का भी आयोजन किया जाएगा। महात्मा गांधी नरेगा संघ के हवा सिंह ने सभी संविदा कार्मिकों को पंचायत समिति बीकानेर मे वाहन रैली के संदर्भ में 31 मई प्रात: 10 बजे पहुंच कर रैली को सफल बनाने का आव्हान किया।

धरना स्थल पर बुधवार को पंचायतीराज मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के गोविंद सिंह, अजित सिंह, आदेश सियाग, नरपत सिंह, लक्ष्मणराम, सांवरलाल, बिरबलराम, मदन तलफीपार, देवी लाल बिश्नोई, संतोष चारण, ममता गोदारा, मंजु जोइया, लक्ष्मी बिश्नोई शामिल रहे।

इनके साथ किरण शर्मा व छोटूलाल आचार्य, आशीष पारीक नारायण किराडू, प्रदीप कस्वां, धर्मवीर सिंह, प्रशान्त, सोहनलाल हटीला, विनोद लालवानी, गोपाल जोशी, सुनील जोशी, अमित पारीक, कुलदीप परमार, आनंद सिंह राजपुरोहित आदि उपस्थित रहे।

शहर में मोटर साइकिल चोरी की वारदातें बढी

बीकानेर शहर में मोटरसाइकिल चोरी की वारदातें बढती जा रही है। जिला पुलिस बाइक चोरी की बडी वारदात का खुलासा करती है उसके बाद कुछ दिन तो बाइक चोरी की घटनायें थम जाती है मगर बाद में आम दिनों की तरह चोरी की वारदातें पुन शुर हो जाती है।

सबसे आश्‍चर्य की बात तो यह है कि शहर में भरी दोपहर हो या शाम का समय बाइक चोर किसी भी समय बाइक पार कर ले जाते हैं। चोरी की बाइक खरीदने वाला गैंग भी शहर में सक्रिय है यही कारण है कि बाइक चोरों को आसानी से चेारी की बाइक का रुपया जल्‍द मिल जाता है।

खरीदने वाले बाइक को खुर्दबुर्द कर पुर्जों के हिसाब से भी बाइक के पार्टस बेच देते हैं या पूरी की पूरी बाइक दूसरे शहर में सप्‍लाई कर देते हैं। इस चैन को तोडे बगैर बाइक चोरी रुकना संभव तो नहीं दिख रहा है।

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