मीठी बोली है सिंधी समाज की पहचान : महापौर

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बीकानेर। नगर निगम महापौर नारायण चौपड़ा ने कहा कि सिंधी समाज की पहचान इसकी मीठी बोली है। महापौर रविावर 3 जून को पवनपुरी में बाल सिंधी संस्कार शिविर के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हर समाज की अपनी एक विशिष्ट पहचान होती है, सिंधी की मीठी बोली में गाए जाने वाले पारंपरिक लाडा आदि गीत तथा सूफी गीत काफी पसंद किए जाते हैं।

चौपड़ा ने मातृशक्ति का आव्हान किया कि वे घर पर बच्चों के साथ मातृ भाषा में ही बात करें। भारतीय सिंधु सभा और सिंधी समाज की संस्थाओं द्वारा आयोजित इस शिविर में समारोह में मुख्य अतिथि महापौर नारायण चौपड़ा का सिंधी परंपरा के अनुसार पखर श्री फल और फूल मालाओं से स्वागत केशव खत्री और मानसिंह मामनानी ने किया।

समारोह में टीकम पारवानी ने सुजागु सिंधी के नवीनतम अंक की प्रति मुख्य अतिथि चौपड़ा को भेंट की। मंचासीन हासानंद मंगवानी, लालचंद तुलसियानी, पार्षद झम्मन लाल, लाल गजरा, अमर लाल मंदिर अध्यक्ष हीरालाल रीझवानी, पार्वती देवी आदि ने संस्कार शिविर में बच्चों के द्वारा उत्साह से भाग लिया जाने को सराहा।

विजय एलानी व विनोद गिडवानी जी ने मुख्य अतिथि को मोमेंटो प्रदान किया। मुख्य अतिथि ने  शिशिका गुंजन गंगवानी शिक्षक अनिल डेम्बला का सम्मान किया। मनुमल ने सिंधी भजन प्रस्तुत किये। मंच संचालन करते हुए शिक्षिका गुंजन गंगवानी ने शिविर में प्रतिभागी सभी 40 बच्चों का परिचय कराया। प्रस्तुति देने वाले 12 से अधिक बाल कलाकारों को महापौर चौपड़ा से मिलवाया।

श्याम आहूजा ने कहा कि जो बच्चे घर पर सिन्धी में बात नहीं करते थे वही बच्चे इस कैंप के माध्यम से 1 हफ्ते के अंदर सिंधी बोली में भजन कविताएं आदि सुना रहे हैं।

शिविर में बच्चों को सिंधी बोली के अलावा बाल संस्कार व किशन सदारंगानी ने योग भी सिखाया। कार्यक्रम में राजेश केसवानी, धर्मेंद्र बेलानी, राजकुमार वलीरामनी व श्रीमती अशोक खत्री, माया दयाल आदि आदि मौजूद रहे।