…के सब कुछ लागे नया नया

PANCHNAMA 20 AUGUST 2018 DAINIK NAVJYOTI BIKANER
PANCHNAMA 20 AUGUST 2018 DAINIK NAVJYOTI BIKANER

पंचनामा : उषा जोशी

*…के सब कुछ लागे नया नया

..के सब कुछ लागे नया नया, मैं वहीं, दर्पण वही, ना जाने ये क्या हो गया, के सब कुछ लागे नया नया। वर्ष 1975 में बनी राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म गीत गाता चल का यह गाना इन दिनो बीकानेर रेंज के पुलिस महकमे पर एक दम फिट बैठता है।

पता नहीं जब से रेंज के नये लॉयन ने कार्यभार संभाला है हर थानेदार पूरी तरह से फिट होकर उत्साह से काम में जुटा हुआ दिखाई दे रहा है। रेंज के चार जिलो के टाइगर भी थानेदारों की इस सक्रियता से हैरान हैं।

जांगळ देश बीकानेर के टाइगर पिछले एक साल से यहां थानेदारों को सक्रिय रहने की घुट्टी पिला रहे थे मगर ना जाने वो घुट्टी कौन सी कंपनी की थी कि काम ही नहीं कर रही थी, अब रेंज के नये लॉयन के पैर पड़ते ही थानेदारों में सक्रियता का करंट दौड़ने लगा है।

अब क्या समझे, वहीं घोड़े वही मैदान वाली कहावत भी यहां झूठी पड़ रही है नये लॉयन के आने के बाद से ऐसा दिखाई दे रहा है कि पुराने घोड़े व पुराने मैदान नये कलेवर के साथ आ गए हैं।

तो क्या अब रेंज के टाइगरों के संभलकर चलने के दिन आ गए है, नहीं चले तो क्या थानेदार हावी हो सकते हैं, अजी नहीं, फिलहाल सब अपनी अपनी रोटी सेकने में जुटे हुए है।

लॉयन का नजरिया सार्वजनिक होने के बाद हो सकता है वही घोड़े वही मैदान वाली स्थिति फिर कायम हो जाए।

* फिर मत कहना बताया नहीं था

हां सही कह रही हूं। पहले ही बता रही हूं, फिर मत कहना बताया नहीं था। ये बता रही थी कि अगर किसी के पास कोई अवैध हथियार है या किसीका अवैध हथियारों के तस्कारों से कोई उल्टा-सीधा वास्ता है, तो भाई लोगों सम्‍भल जाओ। रेंज के नये लॉयन को इंप्रेस करने के लिये रेंज के लगभग सभी थानेदारों ने अपने अपने इलाके में अवैध हथियार तथा अवैध हथियार रखने वालों की तगड़ी गुप्त खोजबीन शुरू कर दी है।

तुम्हारा तो नंबर जल्द आने वाला है। कानूनी रूप से खुद ही ऐसे हथियारों से तौबा कर लो वरना…। सबको पता ही है कि रेंज के नये लॉयन को समाज में अवैध हथियार लेकर घूमते लोग एकदम पसंद नहीं है। लॉयन ने अपने पिछली पोस्टिंग में अवैध हथियार रखने वालों को छठी का दूध याद दिला दिया था।

तो भाई लोगों जिनके पास भी ऐसे हथियार हैं वैधानिक रूप से उनको जमा करवा दो, रेंज की शांति व्यवस्था कायम रखने में खाकी महकमे का सहयोग करो, तस्करों से अपने को दूर रखो।

* जाने कहां गए वो दिन..

अपने थानेदारी के दिनों में जांगळ देश में अच्छा माल कमाने वाले एक एएसपी से थोड़े कम व सीआई से थोड़े अधिक खाकीधारीजी अब अपने पुराने दिनों को याद कर वापस वैसे ही दिन लाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

ये खाकीधारी जी वर्तमन में अपने अधीन थानेदारों को अपने दौर के किस्से सुना सुना कर प्रेरित कर रहे हैं कि जांगळ प्रदेश के इलाके में किस-किस तरह से बिना किसी हील हुज्जत के रुपया कमाया जा सकता है।

पर पता नहीं वर्तमान थानेदारों को साहब के पुराने किस्सों पर कोई इंटरेस्ट ही नहीं है। साहब के लाख बताने कि जुआ सट्टा सेक्टर से अच्छे रुपये-पैसे बनाये जा सकते हैं मगर थानेदारों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।

ये अच्छी बात नहीं है। इलाके में पुराने थानेदार रहे और अब साहब बनकर आये ये भाईसाहब कमाई के पुराने दिनों को याद कर बस आह भर कर रह जाते हैं। हां उनको अब भी यकीन है पुराने दिन फिर आयेंगे।

उस दौरन में उनकी कमाई के करण अर्जुन बने कई खाकीधारी नया जन्म लेकर फिर आयेंगे। वे कहते हैं धरती का सीना चीर कर मेरे करण अर्जुन आयंगे-आयेंगे। उम्मीद पर दुनिया कायम है।