बीकानेर में हुई झमाझम बारिश

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Jhamajham rain in Bikaner

उषा जोशी

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बीकानेर, (समाचार सेवा)। बीकानेर में हुई झमाझम बारिश, बीकानेर में शुक्रवार सुबह झमाझम बारिश हुई। सुबह लगभग सवा सात बजे धीमी गति से शुरू हुई बारिश बाद में 15 ि‍मनट तक तेज बरसी।

बारिश से मौसम में जबरदस्‍त सुहानी ठंठक से लोग खुश हो गए। बारिश ने छतों पर सो रहे तथा देरी से उठने वाले लोगों को उनके उठने के समय से पहले ही जगा दिया। सुबह सवेरे काम पर निकलने वाले लोगों को बारिश ने अवश्‍य परेशान किया।

न्‍यू पेपर सप्‍लाई करने वाले लोगों के अखबार भीग गए। स्‍कूली बच्‍चों को भी बारिश ने थोडा परेशान किया।

शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में लापरवाही बर्दाश्त नहीं डॉ. कल्‍ला

उषा जोशी

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जयपुर, (समाचार सेवा)। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी. डी. कल्‍ला ने कहा कि प्रदेश के आमजन तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डॉ. कल्ला ने गुरुवार को विधानसभा में प्रदेश में पेयजल आपूर्ति की स्थिति पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पेयजल की स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और राजसमन्द जिलों में  इस वर्ष अब तक सामान्य से 20 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। यहां  के बांधों में पानी की आवक नगण्य है परन्तु पेयजल आपूर्ति संतोषप्रद है। डॉ. कल्‍ला ने बताया कि सभी फील्ड अधिकारियों को पेयजल सम्बंधी प्रतिदिन की समस्याओं को निस्तारित करने के लिए कहा गया है। अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि उन्होंने कहा कि पेयजल की समस्या के समाधान के लिए राज्य स्तरीय टोल फ्री न. 181 के अलावा सभी फील्ड कार्यालयों में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं जिनके माध्यम से दर्ज शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने की कार्यवाही की जा रही है।

उन्होंने सदन को अवगत कराया कि मुख्यमंत्री ने भी इस सम्बंध में 23 जुलाई को सभी सम्बंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए थे। पेयजल की उपलब्धता के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पेजयलापूर्ति के लिए जनवरी 2019 से करीब 4 हजार 420 नए हैंडपम्प और 1 हजार 907 नए नलकूपों का निर्माण चालू किया जा चुका है। वर्तमान में 830 हैंडपम्प और 700 नलकूपों का निर्माण करवाया जा चुका है जिन्हें आगामी 10-15 दिन में चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 1 अप्रेल से हैंडपम्प मरम्मत अभियान शुरू किया गया है जिसके तहत वर्ष 2019-20 में शहरी क्षेत्रों में 13 हजार 155 और ग्रामीण क्षेत्रों में 81 हजार 258 हैंडपम्प चालू किए जा चुके हैं। इस अभियान एवं जल योजनाओं के संधारण के लिए 2 हजार 500 संविदा श्रमिकों की स्वीकृति दी गई है।

डॉ. कल्ला ने कहा कि वर्ष 2018 में अप्रेल से जुलाई माह तक पेयजल परिवहन के लिए शहरी क्षेत्र में 21 करोड़ 96 लाख तथा ग्रामीण क्षेत्र में 23 करोड़ रूपये स्वीकृत किए गए थे जबकि इस वर्ष अप्रेल से जुलाई तक इस कार्य के लिए शहरी क्षेत्र में 33 करोड़ 25 लाख तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए 48 करोड़ 14 लाख रूपये स्वीकृत किए गए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 3 हजार 797 गांव-ढाणियों में 1 हजार 110 टैंकरों के माध्यम से पेयजलापूर्ति के लिए  रोजाना 4 हजार 154 टैंकर ट्रिप लगाए जा रहे हैं। इसी प्रकार 46 शहरों में 542 टैंकरों के माध्यम से रोजाना 3 हजार 493 टैंकर ट्रिप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेयजल की समस्या वाले सभी जिलों में कलक्टर की अभिशंसा पर जल परिवहन जारी रखने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि पेयजल व्यवस्था के लिए जल परिवहन के अतिरिक्त शहरी क्षेत्र में  184 करोड़ 34 लाख के 361 कार्य स्वीकृत किए गए हैं जिनमें से 80 प्रतिशत काम पूरे हो चुके हैं। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र के लिए 197 करोड़ 62 लाख रूपये की लागत से स्वीकृत 1 हजार 364 कार्यों में से भी लगभग 85 प्रतिशत कार्य पूरे हो चुके हैं। डॉ. कल्ला ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर तंत्र तथा चम्बल नदी पर आधारित जिलों में पेयजल आपूर्ति संतोषप्रद रहेगी और आवश्यकतानुसार नए जल स्रोतों का विकास कर तथा जल परिवहन से जलापूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि नर्मदा नहर आधारित जिलों में नहर से पेयजल आपूर्ति के अलावा नए स्रोतों के विकास एवं जल परिवहन से पेयजल की कमी पूरी की जाएगी।

उन्होंने कहा कि राजसमन्द जिले के बाघेरी का नाका बांध आधारित 269 गांवों एवं आमेट कस्बे में पेयजल परिवहन शुरू कर दिया गया है। वहीं नाथद्वारा कस्बे के स्रोत नंदसमंद में अनुमानित 15 दिन का पानी है। इस कस्बे को पेजयलापूर्ति के लिए चीकलवास बांध से नंदसमंद तक पहले से डली हुई पाइप लाइन की टेस्टिंग का काम शुरू किया जा रहा है साथ ही कस्बे में 3 नलकूप भी खोदे गए हैं जिन्हें एक सप्ताह में चालू कर दिया जाएगा।  डॉ. कल्ला ने कहा कि बीसलपुर बांध से 31 अगस्त तक पेयजल उपलब्ध रहने की संभावना है और इस पर निर्भर जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों को पेयजल आपूर्ति करने के लिए अन्य स्रोतों से निर्भर रहना पड़ेगा। सरकार इसके लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में बीसलपुर बांध से जयपुर शहर को 330 एमएलडी, जयपुर ग्रामीण को 65 एमएलडी, अजमेर जिले को 275 एमएलडी तथा दौसा जिले को 2 एमएलडी पानी वितरित किया जा रहा है। जयपुर शहर के लिए  115 करोड़ रुपये की लागत से 2 चरणों में 683 नलकूप, ट्रांसफर लाईन, टैंकर परिवहन तथा अन्य कार्य आवश्यकता पड़ने पर शुरू किये जाएंगे।  जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक मंत्री ने बताया कि अजमेर जिले की कन्टींजेन्सी प्लान के पहले चरण में 46 नलकूप, 440 हैण्डपम्प के लिए 10 करोड़ 81 लाख रुपये की राशि स्वीकृत है। अगले 2 चरणों में आवश्यकता पड़ने पर 180 करोड़ रुपये के काम हाथ में लिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि दौसा के लिए बाण गंगा नदी में 10 नलकूप भी बनाएं जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि पाली जिले के मुख्य पेयजल आपूर्ति स्रोत जंवाई बांध से प्रतिदिन 6 एमसीएफटी पानी उठाया जा रहा है तथा इसमें 20 अगस्त 2019 तक का पानी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि जोधपुर जिले से रेल मार्ग से जल परिवहन कर पाली को आज से अतिरिक्त जल उपलब्ध करवा दिया गया है इसके लिए 13 करोड़ 7 लाख रूपये की स्वीकृति जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि केवल भूजल स्रोतों पर निर्भर जिलों में जरूरत पड़ने पर नए जल स्रोतों का विकास कर तथा परिवहन के माध्यम से पेयजल की कमी को पूरा किया जाएगा। डॉ. कल्ला ने कहा कि कम वर्षा के कारण विभाग ने सभी जिला अधिकारियों को अविलम्ब 3 चरणों में आकस्मिक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में अगस्त तथा सितम्बर माह में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जल परिवहन चालू रखने पर जोर दिया जा रहा है।

दूसरे चरण में सितम्बर माह के पहले सप्ताह में मानसून की स्थिति का पुनः अवलोकन कर आवश्यकतानुसार कार्य योजना बनाई जाएगी। इसके तहत अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक नए नलकूप, हैंडपम्प और पाइपलाइन के विस्तार कार्य और जल परिवहन के कार्य करवाए जाएंगे। वहीं जरूरत पड़ने पर तीसरे चरण में अप्रेल 2020 से जुलाई 2020 तक पेयजल आपूर्ति के लिए जरूरी काम करवाए जाएंगे। इसके लिए राज्य मद एवं केन्द्र सरकार से आपदा राहत कोष के तहत जिलों को समुचित बजट उपलब्ध करवाया जाएगा।