पंचनामा - उषा जोशी
* वादे पे तेरे मारा गया बंदा में सीधा-साधा...
चुनावी सीजन में नेताओं का बड़े-बड़े वादे करना बनता है। यदि वादा कुछ अधिक ही बड़ा हो तो चर्चा तो होगी ही।
हालांकि बड़े-बुढ़ों का कहना है कि चुनावी दौर में किए गए नेताओं के वादों पर अधिक एतबार नहीं करना चाहिये।
पता चला है कि जांगळ देश की विधायकी...
पंचनामा : उषा
जोशी
आचार संहिता के
दौर में कहा गायब हुए टाइगर, सुना है, आचार संहिता वाले दिन ही टाइगर ने अपने
महकमे के निचले पायदान वाले खाकीवीरों को अपना शिकार बना लिया है।
लंबी चौड़ी स्थानांतरण सूची निकाल कर टाइगर खुद ना जाने किस जहां में खो गए। इससे उनसे प्रस्तावित...
पंचनामा : उषा जोशी
@ कपड़ों से बाहर आते खाकीधारी
टाइगर के दफ्तर में थानेदारी पा जाने के इरादे से पूरे जोश के साथ घुसे एक सीआई साहब को उल्टे पैर वापस आना पड़ गया।
सुना है सीआई साहब जैसे ही टाइगर के दफ्तर में घुसे टाइगर ने सीआई साहब के कपड़ों से बाहर आते हुए बदन का उलाहना देते हुए फिटनेस...
पंचनामा : उषा जोशी
* ना फरियाद ना सुनवाई, खाकी करे वही सही
जांगळ देश में रात को गश्त पर निकले खाकीधारियों का अपना अलग राज होता है। उस समय लोगों में खाकी का इतना खौफ रहता है कि आम लोगों को भी ना फरियाद ना सुनवाई, खाकी करे वही सही वाला मामला ही अधिक कारगर दिखाई देता है।
हाल ही में...
पंचनामा – उषा जोशी
* आप यहां आये किसलिये?
जांगळ देश के नये लॉयन को आये पूरा एक हफ्ता हो गया मगर इस सवाल का जवाब अब तक भी किसी को नहीं मिला है कि बड़े जंगलों में बड़े शिकार करने वाले लॉयन को इस छोटे से जांगळ प्रदेश में क्यों भेजा गया है।
नये लॉयन ने पहले दिन जब कार्य भार सम्हाला...
पंचनामा : उषा जोशी, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के दो गुटों में वर्चस्व की लड़ाई में कुछ व्यापारियों के हाथों टाइगर भी शिकार हो गए। सुनने में आया है कि जब कुछ व्यापारियों को एक बहादुर खाकीधारी साहब ने व्यापार मंडल की बैठक में जाने से रोका तो नाराज व्यापारी खाकीधारी की शिकायत लेकर टाइगर के पास पहुंच गए।
व्यापारियों...
पंचनामा : उषा जोशी
*...के सब कुछ लागे नया नया
..के सब कुछ लागे नया नया, मैं वहीं, दर्पण वही, ना जाने ये क्या हो गया, के सब कुछ लागे नया नया। वर्ष 1975 में बनी राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म गीत गाता चल का यह गाना इन दिनो बीकानेर रेंज के पुलिस महकमे पर एक दम फिट बैठता है।
पता नहीं जब...
पंचनामा : उषा जोशी
मेरा दिल ये पुकारे आजा..
मेरा दिल ये पुकारे आजा.., शहर के पश्चिमी इलाके के एक नेताजी ने तो एक प्रमुख राजनैतिक पार्टी जिसके सत्ता में आने का चांस अधिक दिखाई दे रहा है उस पार्टी का टिकट ही अपने घर में रखा होने की घोषणा करके कईयों को होश उड़ा दिये हैं।
जबकि राष्ट्रीय पार्टियों के टिकट...
पंचनामा : उषा जोशी
तिल का ताड़...
तिल का ताड़ बनाना तो कोई खादीधारियों से सीखें। जांगळ देश के एक चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी जो टिकट कटने और बाद में वापस मिलने पर जनता के रिस्पांस से काफी गद्गद् थे,
अपनी खुशी बांटने के लिये अपने ही इलाके के एक पाटे पर चढ़कर अपनी बात कहने वाले थे कि एक जोश में...
पंचनामा : उषा जोशी
नया नौ दिन, पुराना सौ दिन, जांगळ देश
के कलक्टर की सक्रियता से सरकारी महकमे के लोग सकते में हैं, सफाई मजदूर से लेकर अधीनस्थ अधिकारी तक
अलर्ट मोड में है ना जाने कब और कहां कलक्टर साहब प्रकट हो जाएं।
कड़ाके की इस ठंड के बावजूद...