भामाशाह ने रखा राजस्थानी का मान, सरकार भी जागे : कन्हैया उपाध्याय

Bhamashah kept the pride of Rajasthani, the government should also wake up: Kanhaiya Upadhyay
Bhamashah kept the pride of Rajasthani, the government should also wake up: Kanhaiya Upadhyay

बीकानेर, (समाचारसेवा)।  भामाशाह ने रखा राजस्थानी का मान, सरकार भी जागे : कन्हैया उपाध्याय, महाराजा गंगासिंह विश्विद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर छात्रसंघ के उपाध्यक्ष कन्हैया उपाध्याय ने विश्वविद्यालय में चालू शिक्षा सत्र में एमए राजस्थानी कक्षाएं जारी रखने के लिये भामाशाह के सहयोग पर खुशी जताते हुए राज्य सरकार से भी इस विषय में जागने का आग्रह किया है।

Bhamashah kept the pride of Rajasthani, the government should also wake up: Kanhaiya Upadhyay
Bhamashah kept the pride of Rajasthani, the government should also wake up: Kanhaiya Upadhyay

उपाध्याय ने नवज्योति से बातचीत में राजस्थानी का मान रखने के लिये आगे आये कोलकाता के ओंकार चैरिटेबल ट्रस्ट तथा भामाशाह प्रहलाद राय गोयनका, विवि के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह तथा राजस्थानी विभाग की प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा के प्रयासों का आभार जताया।

उन्होंने कहा कि यदि समय रहते वे अपने साथी छात्रों के साथ आंदोलन नहीं करते तो इस शिक्षा सत्र से एमजीएसयू  प्रशासन ने राजस्थानी में पीजी की कक्षाएं बंद करने की पूरी तैयारी कर ली थी।

उपाध्याय ने कहा कि विवि में (सेल्फ फाईनेंस स्कीम) में चल रही इस  पीजी कक्षाओं को जारी रखने के लिये राज्य सरकार को एमजीएसयू में राजस्थानी का स्थायी विभाग खोलने की अनुमति देनी चाहिये।

राजस्थानी मोट्यार परिषद, संभाग उपाध्यक्षा अजय कंवर बारहठ ने कहा कि भामाशाहों का राजस्थानी को बचाने के लिए आगे आना स्वागत योग्य कदम है जबकि सरकारें राजस्थानी के प्रति उदासीन हैं जिनका खामियाजा राजस्थानी भाषा के साथ साथ राजस्थानी प्रेमियों और इस विषय में भविष्य बनाने वालों को भुगतना पड़ रहा है।

अब इसे रोकना होगा। मायड़ भाषा राजस्थानी छात्र मोर्चा के प्रदेश संगठन मंत्री  ने कहा कि सुरेंद्र स्वामी ने कहा कि बीकानेर का महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय प्रशासन करोड़ों रुपये का बजट गांवों पर, अस्पतालों पर, खेलों पर लगा सकता है तब वह राजस्थानी शिक्षा पर क्यों नहीं लगा पाता।

उन्होंने कहा कि सरकार को भी एमजीएसयू में सेल्फ फाईनेंस स्कीम एसएफएस में चलने वाले राजस्थानी पाठ्यक्रम को स्थायी करना चाहिये। एम.डी (पीजी) कॉलेज रावतसर के छात्रसंघ अध्यक्ष अशोक जोशी ने कहा कि जब एमजीएसयू में लगातार चार सालों से एमए राजस्थानी विभाग चल रहा है तो उसे नियमानुसा स्थायी विभाग की मान्यता देनी चाहिये।

आखिर कबतक राजस्थानी भामाशाहों के भरोसे रहेगी? उन्होंने कहा कि राजस्थानी विभाग को स्थाई बनाने के लिए जन आंदोलन की जरूरत है।  प्रयास कॉम्पिटिशन क्लासेस कोलायत के संचालक बनवारी लाल स्वामी के अनुसार एमजीएसयू के राजस्थानी विभाग में आयोजित गतिविधियों से बीकानेर विश्वविद्यालय को राष्टÑीय पहचान मिली है।

राजस्थानी भाषा के साहित्यकार, संगीतकार, कलाकार और विद्यार्थी एक मंच पर आएं तो जरूर मान्यता के साथ राजस्थानी रोजगार हेतु नए विभागों को खोलने और पुरानों को स्थाई करने की बात को बल मिलेगा।

सरदार वल्लभ भाई पटेल पीजी महाविद्यालय भादरा के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष  विकास कुमार यादव ने कहा कि  आज भी भामाशाहों को आगे आकर विश्वविद्यालयों के विभाग बचाने पड़ रहे हैं, यह शोचनीय बिंदु है।

राज्य व केंद्र सरकार इस ओर ध्यान दे और राजस्थानी को दुर्गति से बचाए। जानकारी में रहे कि अपने घाटे-नफे के हिचकोलों के बीच महाराजा गंगासिंह विद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर ने एम.ए. राजस्थानी की कक्षाएं अकादमिक सत्र 2021-22 शुरू करने की घोषणा कर दी है।

सरकार द्वारा विवि में राजस्थानी विभाग खोलने तथा राजस्थानी शिक्षकों की भर्ती की स्वीकृति नहीं देने के चलते चालू अकादमिक सत्र में विवि प्रशासन ने सेल्फ फाईनेंस स्कीम के तहत चल रही एम.ए. राजस्थानी की पढ़ाई चालू सत्र से बंद करने की बात कही गई थी। अब ये कक्षाएं लगाई जाएंगी।