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फैसले लेती हुई स्‍त्री अच्छी क्यों नहीं लगती ? – डॉ. मेघना शर्मा

Dr. Meghna Shrma

बीकानेर, (samacharseva.in)। फैसले लेती हुई स्‍त्री अच्छी क्यों नहीं लगती ? – डॉ. मेघना शर्मा, अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस तथा होली त्‍योहार 2020 पर रविवार को स्‍थानीय नरेन्‍द्र सिंह ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में महाराजा गंगासिंह विवि में सेंटर फॉर वूमन्‍स स्‍टडीज की निदेशक डॉ. मेघना शर्मा ने सवाल उठाया कि समाज को फैसले लेती हुई स्‍त्री अच्‍छी क्‍यों नहीं लगती है।

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राष्‍ट्रीय कवि चौपाल की ओर से आयोजित इस समारोह में डॉ. मेघना ने कहा कि अब समय आ गया है कि समाज फैसले लेती हुई स्‍त्री को भी स्‍वीकार करे। उन्‍होंने कहा कि घर में पत्‍नी खाना बनाते हुए बहुत अच्‍छी लगती है। बच्‍चों की परवरिश करती हुई बहुत अच्‍छी लगती है। औरत समर्पण करती हुई बहुत अच्‍छी लगती है।

सहन करती हुई अच्‍छी लगती है। आपके परिवार की रक्षा करती, उसकी सुरक्षा करती, उसकी सेवा करती अच्‍छी लगती है लेकिन फैसले लेती हुई स्‍त्री अच्‍छी क्‍यों नहीं लगती। इस सवाल के साथ यदि हम अपने चिंतन को आगे ले जाएंगे तो इस अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस की सार्थकता अच्‍छे अर्थों में सिद्ध हो पाएगी।

इस अवसर पर डॉ. मेघना ने अपनी रचना महाप्रलय की दस्‍त पेश की। समारोह में डॉ. मेघना ने रचनाकार कल्‍पना पाण्‍डे की एक रचना को भी अपने अंदाज में पेश किया।

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Why does the woman taking the decision not feel good? Dr. Meghna Sharma

Bikaner, (samacharseva.in). In a ceremony held at the local Narendra Singh Auditorium on Sunday on the International Women’s Day and Holi Teo Haar 2020, Dr. Meghna Sharma, director of the Center for Women in Studies at Maharaja Gangasingh University, questioned why the society does not feel good while taking decisions.

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In this ceremony organized by the national poet Chaupal, Dr. Meghna said that now the time has come that society should take decisions and accept women. He said that the wife likes to cook very much at home. It feels very good raising children. The woman looks very good surrendering. It feels good to bear. It feels good to protect your family, protect it, serve it, but why does the woman taking the decision not feel well. If we take our thought forward with this question, then the significance of this International Women’s Day will be proved in a good way.

On this occasion, Dr. Meghna presented his composition Mahapralaya’s squad. In the ceremony, Dr. Meghna also presented a composition of the author Kalpna Panday in his style.

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