मंदिर खुले पर बड़े मंदिरों में भक्त ना चढ़ा सके माला व प्रसाद, ना बजा सके घंटी
बीकानेर, (समाचार सेवा)। मंदिर खुले पर बड़े मंदिरों में भक्त ना चढ़ा सके माला व प्रसाद, ना बजा सके घंटी, जिले के कंटेनमेंट जोन और कर्फ्यू क्षेत्र से बाहर स्थित समस्त धार्मिक स्थल गुरुवार 1 जुलाई प्रातः 5 से से आमजन के लिए खोल दिये गए हैं।
पहले दिन भगवान के दर्शन को पहुंचे लोग ना तो बड़े मंदिर की घंटी बजा सके ना माला व प्रसाद चढ़ा सके। सडकों से सटे कुछ छोटे मंदिरों में जहां अधिक भीड नहीं होती वहां भक्तों ने प्रतीक स्वरूप माला व प्रसाद भगवान को अर्पित किया।
सरकारी आदेश के अनुसार 1 जुलाई से प्रतिदिन कंटेनमेंट जोन और कर्फ्यू क्षेत्र से बाहर स्थित समस्त धार्मिक स्थल प्रात 5 बजे से सायं 4 बजे तक खोले जा सकेंगे, परन्तु नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित धार्मिक स्थल को दुबारा बंद कर दिया जाएगा।
कलेक्टर नमित मेहता की ओर से बुधवार को जारी किए गए निर्देशों के अनुसार प्रत्येक रविवार को वीकेंड कर्फ्यू के दौरान धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। निर्देशों में धार्मिक स्थलों पर आने-जाने वाले दर्शनार्थियों, आगंतुकों, श्रद्धालुओं की भीड़ को कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार नियंत्रित करने की जिम्मेदारी प्रबंध समिति, ट्रस्ट, संस्था पदाधिकारियों व सदस्यों की रखी गई है।
धार्मिक स्थलों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर इस तरह अंतराल रखने को कहा गया है कि जिससे कि एक समय में पूजा स्थल के अंदर व्यक्तियों की संख्या इस सीमा तक सीमित रहे कि प्रत्येक व्यक्ति के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी हो।
मस्जिदों में अता की जाने वाली नमाज के दौरान व्यक्तियों की संख्या उपलब्ध स्थान व सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए रखने को कहा गया है। पुजारियों एवं सत्संग एवं दर्शनार्थियों को मास्क पहनना, थर्मल स्कैनिंग, हैंड वॉश सैनिटाइजेशन का समुचित प्रबंध एवं मानव संपर्क में आने वाले सभी बिंदुओं से हर दरवाजे के हैंडल आदि को बार-बार सेनेटाइज करवाने को कहा गया है।
निर्देशों के अनुसार धार्मिक स्थल में फूल, माला, प्रसाद व अन्य पूजा सामग्री ले जाने एवं घंटी बजाने पर प्रतिबंध रहेगा। बड़े धार्मिक स्थलों में विशेष दिनों में दर्शनार्थियों की भीड़ नहीं जुटे इसका भी विशेष ध्यान रखने तथा सोशल डिस्टेंसिंग पालना सुनिश्चित करने को कहा गया है। आरती को ऑनलाइन देखने हेतु प्रोत्साहित किया जाए।
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जहां तक संभव हो पूजा अर्चना, उपासना प्रार्थना और नमाज घर पर रहकर ही करने को प्रोत्साहित किया जाए ,ताकि धार्मिक स्थलों पर भीड़ नहीं जुटे।
Share this content: