शरद पूर्णिमा का व्रत मंगलवार को , रात में लक्ष्मीजी व हनुमानजी को चढेगा खीर का भोग

Sharad Purnima fast on Tuesday, kheer will be offered to Laxmiji and Hanumanji at night
Young astrologer of Bikaner Pandit Jyomatiprakash Shrimali

बीकानेर, (समाचारसेवा)। शरद पूर्णिमा का व्रत मंगलवार को , रात में लक्ष्मीजी व हनुमानजी को चढेगा खीर का भोग, शरद पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को देशभर में रात के समय चंद्रदेव की पूजा की जाएगी। इसी रात को धन की देवी लक्ष्‍मी व ताकत और दिमाग के देवता हनुमानजी को खीर का भोग लगाया जाएगा।

बीकानेर के युवा ज्‍योतिषाचार्य पंडित ज्‍योतिप्रकाश श्रीमाली के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रदेव की पूजा व चांदी के पात्र से अर्घ्य देकर खीर का भोग लगाना व उसे चंद्रमा की चांदनी में रखना बहुत ही शुभ होगा। उन्‍होंने बताया कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की दिव्य रश्मियों से अमृत वर्षा होती है।

इस रात चंद्र मंत्र, लक्ष्मी पूजा व मंत्र जप व हनुमानजी के खीर का भोग अत्यंत ही शुभ फलदायक होगा। पंडित श्रीमाली के अनुसार रात को निशिथ व्यापिनी पूजा व जप अधिक फलदायक रहेगा।

चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए चंद्रमा के मंत्र जप साथ ही भगवती महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी अमोघ मंत्र और श्रीशुक्त व कनकधारा स्तोत्र व महालक्ष्मी अष्टकम करने चाहिये।

उन्‍होने कहा कि हनुमानजी को प्रसन्न करने हेतु सुंदरकांड किया जाना अतिश्रेष्ठ रहेगा। पंडित ज्‍योतिप्रकाश के अनुसार  प्रदोष एवं निशीथ (अर्धरात्रि)-व्यापिनी  (उभगव्यापिनी) आश्विन पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा व कोजागर व्रत किया जाता है।

यथा आश्विन पौर्णमास्यां कोजागर व्रतम् सा पूर्वत्रेव निशीथव्याप्तौ पूर्वा। इस वर्ष यह तिथि 19 अक्तूबर को प्रदोष एवं निशीथ उभयेव्यापिनी है। 20 अक्तूबर को तो यह केवल प्रदोषकाल को स्पर्श कर रही है।

19 अक्तूबर को सायं 5:48 से  सांय 8:22 तक आश्विन पूर्णिमा प्रदोष काल, तदुपरान  निशीथकाल को व्याप्त होगी। इसलिए प्रदोष एवं निशीथ (अर्द्धरात्रि) उभयव्यापिनी आश्विन पूर्णिमा की रात्रि को पूर्णिमा होने के कारण  शरद पूर्णिमा का व्रत 19 अक्तूबर को होगा।