सलाम खाकी की जांबाजी को

PANCHNAMA BY USHA JOSHI 28 MAY 2018
PANCHNAMA BY USHA JOSHI 28 MAY 2018

पंचनामा : उषा जोशी

* सलाम खाकी की जांबाजी को

राष्‍ट्रीयमीडिया में इन दिनों उत्तराखंड के रामनगर इलाके में तैनात ट्रेनी सब इन्सपेक्टर गगनदीप सिंह के साहस की बड़ी चर्चा है। गगनदीप सिंह ने इस गुरुवार को एक युवक को भीड़ के गुस्से का शिकार होने से बचाते हुए अपने कर्तव्य की मिसाल पेश की। हां मैं थोड़ा लेट हो गई हूं।

बीकानेर में भी एक पखवाडे पूर्व एक बिजली श्रमिक की मौत पर जब पीबीएम अस्पताल की मोर्चरी के आगे जमा भीड़ बिजली विभाग के एक एईएन को श्रमिक की मौत का जिम्मेवार मानते हुए उसे अपने हाथों से भयंकर सजा देने पर आमादा थी तब मौके पर तैनात बीछवाल थाने के प्रभारी धीरेन्द्र सिंह शेखावत पे ना केवल भीड़ और भीड़ के गुस्से पर नियंत्रण किया बल्कि एईएन का बचाव करते हुए उसे अपनी टीम की मदद से उसे ऑटो में बिठाकर पूरी सुरक्षा के साथ सेफ स्थान पर पहुंचाया।

उस दिन के वीडियो देखकर मैने मन ही मन में थानाधिकारी शेखावत व उनकी टीम की प्रशंसा की मगर यह प्रशंसा तो सार्वजनिक बनती है, यह अहसास रामनगर के ट्रेनी एसआई गगनदीप सिंह के प्रकरण ने करा दिया। चलो देर आये दुरस्त आये। सही है, शेखावत व उनके जैसे अन्य जाबांज पुलिस अफसरों के कारण ही पुलिस महकमा आदर पाने का हकदार बनता है। सलाम।

* बकरे की मां कब तक खैर…

अब तो चुनाव आयोग ने भी ऐसे अंगदों के जमे पांव उखाड़ने की तारीख दे दी है जो अंगद जैसे अफसर पिछले तीन सालों से भी अधिक समय से एक ही जिले में बैठे आला खाकीधारियों से लाईजनिंग कर मलाई मा रहे हैं। दूसरे शब्दों में लोग इस प्रकार के आदेश के बाद कहने लगे कि बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी अब तो…।

खाकी महकमे में थाना पाने के इंतजार में बैठे अनेक सीआई व एसआई इस बात के इंतजार में थे कि कब जिले से पुराने अफसर विदा हो ताकि उनका भी नंबर थानेदारी करने का आये। अपना टाइम पास करने के लिये कुछ अफसरों ने यह बात भी कहने से गुरेज नहीं किया कि लॉयन के चहेते होने के कारण कई सीआई व एसआई समय सीमा पूरी होने के बाद भी एक ही जिले में जमे हुए हैं।

बहरहाल अब ठाले बैठे सीआई एसआई को उम्मीद जगी है कि अब तो जल्द थानेदारी मिलने वाली है। जांगळ देश के तीन पुराने थानेदार इस दौर में अधिक चर्चा में रहे हैं। नाम क्या बताउं अब तक सबको पता है। तबादला सूची आएगी तो आपको भी पता चल जाएगा।

* तेरी मेहरबानिया, तेरी कदरदानियां

एक थानेदारजी के इलाके में लगभग बीस लाख रुपये की चोरी क्या हो गई उन पर पहले से ही खार खाये बैठे टाइगर ने उनकी अच्छी खासी क्लास ले ली। थानेदारजी को फरमान सुना दिया कि जल्द चोर नहीं पकड़ा तो अंजाम भुगतने के लिये तैयार रहना। थानेदारजी सभी देवताओं को याद करते हुए चोर को पकड़ने में जुट गए।

देवताओं ने उनकी सुन भी ली। चोरी की सूत्र हाथ लगे और सुना है एक सप्ताह की मेहनत के बाद चोर तक भी थानेदारजी आखिरकार पहुंच ही गए। किसी ने सही कहा है कि जब जान पर बन आती है तो आदमी अपनी पूरी ताकत लगाकर जान बचाने का प्रयास करता है।

थानेदारजी ने भी यही किया। अब टाइगर भी उन पर नरम हो गए हैं।

साभार दैनिक नवज्‍योति बीकानेर