बीकानेर, (samacharseva.in)। कोरोना संक्रमित मरीज की डॉ. बी.डी. कल्ला को खुली चेतावनी, बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के इलाज व उनके रहवास को लेकर अनेक शिकायतें सामने आईं। संक्रमित मरीजों का कहना है कि उनकी अस्पताल में कोई सुनवाई नहीं हो रही।
एक मरीज ने अस्पताल का एक वीडियो जारी कर बीकानेर पश्चिम के विधायक व राज्य के केबिनेट मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला को अपनी बात कही है। तल्ख लहजे में कही गई ये बात अस्पताल की हकीकत बताती है और जिला प्रशासन के दावों की पोल खोलती है। हालांकि संकट के इस समय में सबको धेर्य से काम लेना चाहिये मगर स्थानीय मरीज अव्यवस्थाओं को लेकर जितने परेशान हैं उतने ही परेशान सुनवाई नहीं होने से भी हैं।
यह सही भी है कि जब बार बार यह दावा किया जाता है कि संक्रमित मरीजों के इलाज, आवास व खाने पीने की बेहतर सुविधायें अस्पताल में उपलब्ध है तो ऐसे वीडियो कैसे बाहर आ सकते हैं। साफ दिख रहा है कहीं तो झोल है। कागजों में सब कुछ ठीक बताने वाले अफसर सीसीटीवी की निगरानी के भरोसे खुद शायद आंखमूंद कर बैठ चुके हैं।
राज्य सरकार को बेहतरी की रिपोर्ट भेजने वालों को जमीनी हकीकत का पता कर लेना चाहिये वरना ऐसे अफसरों के कारण सरकार व जनप्रतिनिधियों को ही नीचा देखना ही पडेगा। ऐसा नहीं है कि सब कुछ ही खराब है मगर यह भी सही नहीं कि आप शिकायतो पर ध्यान नहीं दे वो भी एक ही प्रकार की शिकातय जो बार बार आये।
ये पब्लिक है सब जानती है, उसके लिये आये किसी भी तरह की योजना, प्रोत्साहन राशि, सुविधाओं का ये सरकारी अफसर और उनके कारिंदे किस प्रकार अपने लाभ के लिये इसतेमाल करते हैं। सफाई का ठेका, खाने का ठेका, फलाना ठेका, ढिमका का ठेका सब में कमीशन की बंदरबांट ने बंटाधार कर दिया है।
मुफत की खाने वाले सरकारी कारिंदे महामारी के दिनों में भी माल बटोरने से नहीं चूक रहे हैं। ऐसे में सुनना तो पडेगा। सुनिये, देखिये, वैसे भ्रष्ट अधिकारियों पर ऐसी बातों का असर कम होता है मगर जनप्रतिनिधयों को तो हर साल किसी ना किसी चुनाव में अपने लिये या पार्टी के प्रत्याशियों के लिये जनता के बीच ही जाना होता है।