सरकारी उपक्रमों को निजी संस्थानो को देकर कार्मिकों व बेरोजगारों के साथ किया जा रहा है खिलवाड़ : राव

Government enterprises are being played with workers and unemployed by giving them to private institutions: Rao
Government enterprises are being played with workers and unemployed by giving them to private institutions: Rao

बीकानेर, (samacharseva.in)। सरकारी उपक्रमों को निजी संस्थानो को देकर कार्मिकों व बेरोजगारों के साथ किया जा रहा है खिलवाड़ : राव, भारतीय मजदूर संध के प्रदेश मंत्री हनुमान दास राव ने कहा कि सरकारें लाभ वाले सरकारी उपक्रमों को निजी संस्थनों को देकर कर्मचारीयो एवं बेरोजगरो के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

राव शुक्रवार को भारतीय मजदूर संध के राष्‍ट्रीय आव्हान के तहत बीकानेर कलेक्ट्रेट पर आयोजित प्रदर्शन के दौरान संघ सदस्यों व समर्थकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन सरकारी उपक्रमो में निजीकरण, निगमीकरण, एवं ठेका श्रमिको, निर्माण मजदूरो, असंगठित क्षेत्र के मजदूरो के प्रति उदासीनता बरतने एवं समाजिक सुरक्षा देने में नाकामी के खिलाफ  किया जा रहा है।

राव ने कहा कि कोविड-19 में सरकार निर्माण श्रमिको एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूरो के प्रति उदासीनता बरत रही है। भामसं के जिलाध्यक्ष शिवकुमार व्यास ने कहा कि राज्य एवं केन्द्र सरकार धन्ना सेठों के हाथो की कटपूतली बन चुकी हैं।  जिला भामसं के कार्यकारी अध्यक्ष दुर्गादास आचार्य ने ठेका कर्मियो को 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देने की बात कही। जिलामंत्री प्रमोद सिंह शेखावत ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का प्रतिमाह वेतन काटना न्यायसंगत नही है।

प्रदर्शन सभा को जोधपुर डिस्कॉम श्रमिक संध के जिलाध्यक्ष शिवदत्त गौड़, रोड़वेज के ओमप्रकाश सिद्ध, असंगठित संगठन के महावीर प्रजापत, खान-खनिज संगठन के प्रदेशाध्यक्ष राकेश औझा, रेल्वे के सुनील शादी, सफाई कर्मचारी संगठन के रतनलाल चांवरीयो, ईसीबी के चेतन पंवार, राज्य कर्मचारी संगठन के राजेश गहलोत, बैंक संगठन गोपाल स्वामी, सानिवि संगठन के राजेन्द्र सेवक, खादी संगठन के मोहनलाल कडेला आदि ने भी विचार रखे।

इससे पूर्व भारतीय मजदूर संघ बीकानेर ने प्रदेश मंत्री हनुमान दास राव के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने से पूर्व संगठन के कार्यकर्ताओ ने नारे-बाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।