NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री पर्नप्रीबहिद्धा-नुकरात के नेतृत्व में बीकानेर पहुंचे एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को नूरसर फांटा स्थित अवादा एनर्जी के सोलर प्लांट नवीकरणीय ऊर्जा स्वतंत्र बिजली उत्पादक (आईपीपी) का किया अवलोकन किया। थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं।
प्रतिनिधि मंडल में उनके साथ भारत में थाईलैंड की राजदूत सुश्री पट्टारत होंगटोंग और ग्लोबल पावर सिनर्जी पीएलसी में बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. पेलिन चुकोटवॉर्न आदि शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत अवादा ग्रुप के चेयरपर्सन विनीत मित्तल, अवादा एनर्जी के सीईओ किशोर नायर और टीम के अन्य सदस्यों ने किया। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने टिकाऊ ऊर्जा, तकनीकी नवाचारों और भविष्य के सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।
भारत के दौरे को प्रभावशाली दौरा बताया
थाईलैंड साम्राज्य के उप प्रधान मंत्री और विदेश मामलों के मंत्री पर्नप्रीबहिद्धा-नुकारा ने भारत के दौरे तथा अवादा की सुविधाओं पर अपनी भावानएं व्यक्त करते हुए भारत के दौरे को प्रभावशाली दौरा बताया। उन्होंने पीटीटी ग्रुप के जीपीएससी द्वारा भारत में अवादा एनर्जी में किए गए निवेश पर थाईलैंड के डिप्टी पीएम ने कहा कि “निश्चित रूप से उन्होंने सही निर्णय लिया है।
एक साझा दृष्टिकोण का प्रतीक
अवादा ग्रुप के चेयरपर्सन, विनीत मित्तल ने कहा, “यह यात्रा अवादा ग्रुप और थाईलैंड के मेहमानों के बीच एक साझा दृष्टिकोण का प्रतीक है – एक ऐसा दृष्टिकोण जो नवीकरणीय ऊर्जा को वैश्विक पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक समृद्धि की आधारशिला के रूप में देखता है। उन्होंने बताया कि बीकानेर सोलर प्लांट का न केवल भारत के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपना महत्व है। 4,100 एकड़ भूमि में फैले, अवाडा एनर्जी के सोलर प्लांट में 3 मिलियन सौर मॉड्यूल हैं।
एयरपोर्ट पर हुई अगवानी
अवादा सोलर एनर्जी के जीएम आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि थाई उप प्रधानमंत्री के बीकानेर नाल एयरपोर्ट पहुंचने पर बीकानेर की जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम, एडीएम प्रशासन प्रतिभा देवठिया तथा नाल सिविल एयरपोर्ट निदेशक सांवरमल सिंगारिया ने उनकी अगवानी की। श्रीवास्तव ने बताया कि अवादा सोलर एनर्जी प्लांट दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट है। उन्होंने कहा कि थाई उप प्रधानमंत्री की यात्रा से इंडो-थाई रिश्तों में मजबूती के साथ इंडिया की लूक ईस्ट पॉलिसी की तरफ अहम कदम साबित होगा।