बड़े साहब अब बेफिक्र होकर पढ़ सकेंगे नमो का चिंतन
जयपुर। राज्य के बडे-बडे साहब लोग अब नमो के चिंतन पाठ बेफिक्र होकर पढ़ सकेंगे। गुजरात सरकार ने राज्य के बडे साहबों के लिये लगभग एक माह पहले नमो चिंतन की पुस्तके भेजी थीं।
सुना है तब राज्य की मुखिया ने उन पुस्तकों पर रोक लगा दी थी। अब पता चला है कि गत दिवस ही राज्य के सभी 200 से अधिक बडे अधिकारियों के पास यह पुस्तक पहुंचाई जा चुकी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव ने इन पुस्तकों को बांटने की अनुमति दे दी। वरुण मारिया द़वारा संकलित इन पुस्तकों में हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, संघीय ढांचा और लोकतांत्रित प्रणाली पर आधारित मोदी की विचारधारा है।
ये किताबें मोदी के गुजरात के 2003 से 2011 तक मुख्यामंत्री बने रहने तक उनके द्वारा दिए गए भाषणों का संकलन है। राजस्थान के मुख्य सचिव के नाम 7 मई को सरकारी अफसरों को बांटने के लिए 210 किताबें गुजरात के मुख्य सचिव जेएन सिंह ने भेजी थीं।
16 मई से इन पुस्तकों का वितरण होना था, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय को पता लगा तो पूछताछ शुरू हो गई। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने पुस्तकें बांटने पर रोक लगा दी।
किताबों के साथ गुजरात के मुख्य सचिव ने एक पत्र भी भेजा था, जिसमें लिखा था कि मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने गुजरात में चिंतन शिविरों का आयोजन किया था। जिसमें मोदी के 7 शिविरों के चुनिंदा भाषणों का संकलन है।
पत्र में लिखा था कि मोदी के भाषणों से गुजरात में कई मुद्दों पर निर्णय लेने में मदद मिली है, इसलिए ये पुस्तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरों को दी जाए।
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