मिलावटी मसाले बिगाड़ रहे आपकी सेहत

Indian spices
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बीकानेर, (samacharseva.in)। हमारी थाली में ज़ायके की मात्रा दिनोंदिन कम होती जा रही है। इसे रोकना बेहद ज़रूरी हो गया है। 50 लाख किसानो और सोसाइटीओं के सर्वे से यह भयानक तथ्‍य निकला है कि देश में खाने पीने की वस्तुओं में सबसे अधिक मिलावट हो रही है। भारतीय मसाले भी इस मिलावट से अछूते नहीं है।

जीरा, काली मिर्च, इलायची, अदरक, मिर्च, हल्दी सभी अत्यधिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग के कारण खराब कृषि प्रथाओं का शिकार हो रहे हैं। भारत विश्व में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। भारत कई दशकों से विश्‍व के 80 से अधिक देशों में मसालों का निर्यात कर रहा है। इसकी मसाला उत्पादन और निर्यात में अपनी एक अद्भुत पहचान है। भारत विश्वभर में अपने मसालों के लिए काफी मशहूर है।

जीरा, काली मिर्च, इलायची, अदरक, मिर्च और हल्दी जैसे उच्च गुणवत्ता वाले मसालों के उत्पादन के लिए भारत विश्वभर में जाना जाता है। बदलती जलवायु एवं परिस्थितियां भारत को 60 से अधिक मसालों का उत्पादन करने में मदद करती है। परन्तु चिंता की बात यह है कि दिन-प्रतिदिन उत्पादन में वृद्धि लाने की वजह से मसाले की फसलें कीटनाशकों एवं अत्याधिक रसायनिक उर्वरकों का शिकार होती जा रही है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए इफको किसान, भारतीय मसाला बोर्ड, कृषि विज्ञान केंद्र आदि कई संगठन आगे आए हैं।

इफको किसान, ‘स्वर्णाहार’ के नाम से नये उत्पाद ला रही है उसमे से एक मसाले होंगे, जो कि मसाला उगाने वाले किसानों के लिए एक क्रांति का आह्वाहन होगा, किसानों को फायदा होगा और हमारी थाली में ज़ायके की बढ़त होगी। इफको किसान का लक्ष्य है की इसके माध्यम से न केवल ग्राहकों को फायदा हो बल्कि इस फायदे का एक बड़ा हिस्सा किसानों को भी जाए। “इफको किसान काफी समय से इस कोशिश में था कि देश के किसानो को और सशक्त कैसे बनाया जाए। इफको किसान का नया उत्पाद ‘स्वर्णाहार’ एक ऐसा ही प्रयास है जो कि किसानो को और मजबूत करने में सहायता करेगा।”

“इफको किसान 50 लाख किसानों से जुड़ा हुआ है। इसने अब कई फील्ड सोसाइटी और कोपोरेटिव सोसाइटी से करार किए हैं।” ये संस्थाएं किसानो से डाइरैक्ट माल खरीदेगी और इफको किसान वही कोपोरेटिव सोसाइटी से खरीदेगा जो साफ-सुधरा, पैक किया जाएगा वो भी कोपोरेटिव सोसाइटी में ही, जिससे कि बिचौलिया सिस्टम खत्‍म हो सके। अब इफको किसान के जरिये हल्दी, मिर्च, धनिया जैसे मसाले बिना मिलावट के लोगों तक पहुंचेंगे।

हिंदुस्तान के अंदर 32 लाख हेक्टईयर ज़मीन पर मसलो कि खेती होती है और इसमे इफको किसान एक बड़ा अभिनय निभाना चाहता है। शुद्धता के प्रमाण के लिए ‘Egmark’ या‘FSSAI’ द्वारा सर्टिफिकेट, license नंबर, लैबोरेटरी टेस्ट पूरा करने के बाद, अब स्वर्णाहार बाज़ार में कदम जमाने के लिए तैयार है। इफको किसान के इस कदम से अब आम जनता में पहुंचेगे स्वर्णाहार शुद्ध मसाले जिसका सीधा मुनाफा जाएगा हमारे उन किसानों को जो कई वर्षों से अपने हक़ का इंतज़ार कर रहे हैं।

क्‍या है इफको किसान

इफको किसान, पिछले एक दशक से किसानों की सेवा में है और सब्सिडी दरों पर बाजार में गुणवत्ता उर्वरक एवं कृषि सामग्री के सही प्रयोग की जानकारी देता आ रहा है। वही प्रदान इफको 50 सालों से देश के खाद्य उत्पादन में एक बड़ा योगदान दे रहा है।

इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए, टेलीकॉम भारती एयरटेल और स्टार ग्लोबल रिसोर्सेज लिमिटेड के साथ मिलकर इफको किसान संचार लिमिटेड को एक संयुक्त उद्यम के रूप में बढ़ावा दिया है।