धरणीधर महादेव मंदिर स्थित ब्रह्म दादा मन्दिर में मेले की तैयारियां जोरों पर
बीकानेर, (samacharseva.in)। बीकानेर के जूनागढ़ में जन्मे तथा जैसलमेर के किले में साधना के दौरान जीवित समाधि लेने वाले पुष्करणा समाज की आचार्य जाति के उत्त्पत्तिकर्त्ता ब्रह्मलीन श्रीश्री 1008 ब्रह्मदत्त आचार्य (ब्रह्मा दादा) का निर्वाण दिवस बीकानेर स्थित धरणीधर महादेव मंदिर परिसर स्थित ब्रह्म दादा के मन्दिर ब्रह्मगढ़ में शनिवार 1 फरवरी को मनाया जाएगा।
ब्रह्मा दादा मन्दिर में मेला स्थल पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए दुर्गाशंकर, नरेश आचार्य, नरेन्द्र, आनन्द जोशी, फूसाराम, गिरिराज, सुनील, पवन, ओम सेवग, पेन्टर नवीन, एस.एन.आचार्य सहित धरणीधर ट्रस्ट, सनातन धर्म सत्संग मंडल, धूमावती माता ट्रस्ट, श्री जी उपासना संगम, धरणीधर भक्त मण्डल के सदस्यों एवं पदाधिकारियों की कमेटी का गठन किया गया है।
मुख्य पूजन डॉ. पं. घनश्याम आचार्य एवं समाजसेवी रामकिसन आचार्य के सानिध्य में होगा। आचार्य श्री धरणीधर ट्रस्ट के सचिव जितेन्द्र आचार्य ने बताया कि ब्रह्मा दादा का जन्म बीकानेर के जूनागढ़ में हुआ तथा उन्होंने जैसलमेर के किले में जीवित समाधि ली।
उन्होंने देश विदेश में सनातन धर्म का प्रचार किया। बीकानेर में ब्रह्मगढ़ मन्दिर के महंत भाया महाराज (सिंहजी) ने बताया कि धरणीधर महादेव मन्दिर परिसर के ब्रह्मगढ़ मन्दिर में बेर, रेवड़ी, गजक का प्रसाद अर्पित किया जाएगा।
प्रत्येक पुष्करणा समाज की आचार्य जाति के लोग देश-विदेश में जहां भी निवास करते है प्रत्येक के घर के आंगन में सफेद मिट्टी से (ब्रह्म दादा) की प्रतीकात्मक आकृति बनाकर उस पर प्रसाद अर्पित किया जाएगा।
सभी आचार्य जाति के परिवारों के सदस्य धरणीधर मन्दिर ब्रह्मा दादा का दर्शन करने पहुँचेंगे। औरते घूंघट निकालकर पूजा अर्चना करेंगी।