थानेदार जी की ऊंटगाडे पर गश्त
बीकानेर, (समाचार सेवा)। थानेदार जी की ऊंटगाडे पर गश्त, कोटगेट थानाधिकारी मनोज माचरा की ऊंटगाडे पर गश्त की खबर शुक्रवार को मीडिया की सुर्खिया बनी। सीआई माचरा ने शुक्रवार सुबह लगभग छह सवा छह बजे सार्दुल सर्किल से गुजरते हुए ऊंट गाडे पर सवार होकर सूरसागर तक गश्त की। वापसी में वे पैदल ही सूरसागर से सार्दुल सर्किल पहुंचे।
इस दौरान थानाधिकारी ने बुजुर्ग ऊंट गाडा चालक से उसके गांव के हालात जाने। अपने गाडे पर थानाधिकारी को बैठा देख खुश हुए ऊंट गाडा चालक ने बताया कि वो किलचू गांव का निवासी है और गंगाशहर से आया है मंडी की ओर जा रहा है। गांव में कोरोना के फैलते खतरे पर ऊंटगाडा चालक ने बताया कि कोरोना महामारी में वह अपनी मां और एक भाई को खो चुका है।
सप्ताह में दो दिन मंडी का चक्कर निकाल कर प्रतिदिन 500 रुपये की कमाई कर जैसे तैसे घर चला रहा है। ऊंट गाडा चालक ने थानेदार से पूछा कि क्या थानेदारजी भी गांव से हैं। सीआई मनोज माचरा ने गाडा चालक बुजुर्ग को बताया कि उनके बडे बुजुर्ग भी ऊंटगाडा चलाते थे, वे स्वयं भी नौकरी से पहले कई बार ऊंटगाडा चला चुके हैं।
गांव में परिवहन का यही एकमात्र और उचित साथन था। कोटगेट थाना प्रभारी मनोज माचरा ने इस तरह नवाचार करते ऊंठ गाड़े पर सवार होकर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये मॉस्क की अनिवार्यता और सोशल डिस्टेंसी की पालना का संदेश दिया। माचरा ने कहा कि कोरोना गाइड लाइन की पालना और लॉकडाउन की सख्ती से हमने काफी हद तक कोरोना संक्रमण पर काबू पा लिया है,
फिर भी कोरोना के खात्मे तक हमें मॉस्क भी लगाना है और सोशल डिस्टेंसी के नियम की पालना करनी है। सीआई माचरा के इस अनूठे अंदाज को जिला पुलिस के अधिकारियों ने भी खूब सराहा।
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