तथाकथित चोर, साहुकार दोनों गायब, पुलिस के हाथ खाली

So-called thief, moneylender both missing, police empty handed
So-called thief, moneylender both missing, police empty handed

USHA JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)तथाकथित चोर, साहुकार दोनों गायब, पुलिस के हाथ खाली, साहुकार जिसे चोर बता रहे थे वो चोर पिछले छह दिन से लापता है। चोर पकड़वाने थाने पहुंचे साहुकार (माहेश्‍वरी सुनार) भाई-भतीजे खुद भी भूमिगत हो गए हैं।

अब ना तो कोतवाली थाना पुलिस को तथाकथित चोर हाथ लगा है और ना ही नयाशहर थाना पुलिस तथाकथित चोर को परिवार सहित नंगा कर पीटने वाले साहुकार गैंग को पकड़ सकी है। मतलब पुलिस के दोनों ही हाथ खाली है।

आरोपी तथा कथित चोर परिवार की बदमानी के भय से शहर छोड़ चुका है। जबकि साहुकार पुलिस की मार के भय से भूमिगत हो गए हैं।

अभय कमांड सेंटर, शहर के सीसीटीवियों तथा मोबाइल फोन के लोकेशन्‍स पता चलने के भरोसे अपराधियों को पकड़ने वाली पुलिस इस मामले में अब तक कुछ पता नहीं लगा पा रही है कि कौन गलत है कौन सही। नयाशहर के थानेदारजी को तो बुखार ही हो गया है। उनको न्‍याय प्रिय दिखने के लिये कार्रवाई करना महंगा पड़ता दिख रहा है। कोतवाली वाले तमाशा देख रहे हैं।

मसला यह है कि बीकानेर में तेलीवाड़ा स्थित श्री किशन ज्‍वैलर्स एंड संस के संचालकों बच्‍चू व झूमर का मानना है कि उनके यहां से जो सोने की चूडि़या गायब हुई है वे चूडियां उनकी दुकान में काम करने वाले गोपीकिशन पुरोहित उर्फ भैरूं महाराज ने ही चुराई है।

अपनी बात के पक्ष में बच्‍चू-झूमर गैंग 18 नवंबर 2022 का गोदाम का एक सीसीटीवी फुटेज 22 नवंबर को देखती है। इस गैंग का दावा होता है कि सीसीटीवी में कैद दुकान के ही कर्मचारी गोपीकिशन पुरोहित की काम गतिविधि चोरी करने की गतिविधि लग रही है।

इसके बाद बच्‍चू व झूमर गैंग पुलिस बनकर 27 नवंबर को अपने गोदाम में पहले भैरूं महाराज को थर्ड डिग्री टॉर्चर देकर चोरी कबूल करवाती है। भैरूं महाराज के सामने ही उनके बच्‍चों-परिजनों को नंगा कर पीटती है।

उसके बाद अदालत की बच्‍चू-झूमर बैंच दुकान के ही अंडरग्राउंड में बैठती है और चोरी की वसूली के लिये भैरूं महाराज के परिजनों के मकान के पटटे जप्‍त करती है। बाकी रकम चेक के जरिये दिये जाने का आदेश सुनाती है।

बच्‍चू–झूमर गैंग की मुसीबत तब बढ़ जाती है जब भैरूं महाराज किसी को बिना कुछ बताए कहीं गायब हो जाते हैं। महाराज के घर वाले महाराज को ढूंढने पुलिस की मदद मांगते हैं। बच्‍चू-झूमर गैंग की सारी कहानी पुलिस को बताते हैं।

तब बच्‍चू-झूमर गैंग के हाथ-पांव फूल जाते हैं। नकली पुलिस और नकली अदालत बनी बच्‍चू गैंग असली पुलिस के सामने आते ही घर और दुकान छोड़कर भाग जाती है। दया, कुछ तो गड़बड़ है। तोड़ दो दरवाजा।