शैलजा की नियुक्ति, बी. डी. कल्ला फिर चर्चा में?
बीकानेर। कांग्रेस में राजस्थान की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष पद पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी शैलजा की नियुक्ति के बाद से बीकानेर में डॉ. बी. डी. कल्ला फिर से राजनीतिक चर्चा के केन्द्र बन गए हैं।
डॉ. कल्ला के विरोधियों की माने तो अगले पांच महीने बाद प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले से टिकट लेने में डॉ. कल्ला की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
हालांकि कुमारी शैलजा की नियुक्ति के बाद से बीकानेर की सभी सात सीटों पर टिकट को लेकर चर्चा शुरू हो गई है मगर बीकानेर पश्चिम सीट की चर्चा डॉ. बी.डी. कल्ला की उम्मीदवारी के चलते अधिक हैं। वैसे चर्चा का कारण भी यह है कि कुमारी शैलजा और बी डी कल्ला से जुड़ा मामला करीब 20 साल पुराना है।
वर्ष 1998 के चुनाव से करीब छह माह पहले टिकटों के बंटवारे के सिलसिले में शैलजा यहां पर्यवेक्षक बनकर आई थीं। उस समय कांग्रेस में टिकट के दावेदार गोपाल जोशी के समर्थक भी अपना शक्ति प्रदर्शन करने सर्किट हाउस पहुंचे थे। वहां पहले से बड़ी संख्या में एकत्र कल्ला के समर्थकों और जोशी के समर्थकों ने अपने-अपने नेता के पक्ष में नारे लगाने शुरू कर दिए।
इस बीच सर्किट हाउस के हॉल में कार्यकर्ताओं की बात सुनने शैलजा पहुंची तो दोनों पक्षों में अपनी ताकत दिखाने के लिए जोरदार धक्का-मुक्की हो गई। सर्किट हाउस के फर्नीचर और दरवाजों के कांच तक टूट गए। इसी दौरान भीड़ में से किसी ने शैलजा के साथ अभद्रता भी की जिससे वे काफी नाराज हो गई।
शैलजा ने इसकी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को दी तो जांच के बाद पूर्व मंत्री डॉ. बीडी कल्ला को पार्टी से निलंबित कर दिया। इससे कांग्रेस में सन्नाटा छा गया। हालांकि कल्ला ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी सफाई के साथ माफीनामे के बाद पार्टी में वापसी कर ली।
बाद में वे टिकट लाने में भी सफल रहे और जीत भी गए। यह किस्सा कुमारी शैलजा की शुक्रवार को स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद से बीकानेर में फिर से चर्चा में आ गया है। उनकी नियुक्ति से कल्ला समर्थकों में जहां मायूसी देखी गई वहां कल्ला से अंसतुष्ट लोगों में टिकट के दावेदार कार्यकर्ताओं के चेहरे खिल उठे हैं।
इनमें से कई लोगों ने तो पुराने फोटोग्राफ्स और अखबारों की कटिंग्स भी एकत्र करनी शुरू कर दी है। एक दावेदार ने तो शैलजा के साथ अपनी मुलाकात का फोटो भी सोशल मीडिया पर डाला है। हालांकि हालात डॉ. कल्ला के पक्ष में अधिक खराब नहीं है क्योंकि पार्टी में अभी तक उनके कद का कोई दावेदार नहीं है। वे लगातार आठ बार पार्टी का टिकट लाने में सफल रहे हैं।
पिछले दो चुनाव से उन्हें अपने बहनोई भाजपा के गोपाल जोशी के हाथों मात मिल रही है। इसके बावजूद टिकट के लिए वे प्रथम पंक्ति के दावेदार बने हुए हैं। इधर इस प्रकरण से भीरतीय जनता पार्टी के पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से दावेदारों में भी चर्चा शुरू हो गई कि इस बार कांग्रेस से कोई नया उम्मीदवार से सामना होगा।
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